हुकूमत ने डीफ़ैंस सैक्रेटरी को बरतरफ़ कर दिया , फ़ौजी बग़ावत का अंदेशा

ईस्लामाबाद, १२ जनवरी (पी टी आई) पाकिस्तान की सयासी और फ़ौजी क़ियादत के माबैन रसा कुशी शिद्दत इख्तेयार कर गई है और दोनों तरफ़ से खुले आम एक दूसरे के ख़िलाफ़ कार्रवाई का इशारा दिया गया है।

वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने डीफ़ैंस सैक्रेटरी को बरतरफ़ कर दिया है, जो फ़ौजी सरबराह इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी के क़रीबी साथी तसव्वुर किए जाते थे। इस के साथ ही ये अफ़्वाहें शुरू होगई कि फ़ौज मौजूदा सियोल हुकूमत को बेदखल करते हुए इक़तिदार पर क़बज़ा कर लेगी। सरकारी तर्जुमान ने ताहम कहा कि गिलानी क़ौम से ख़िताब का कोई मंसूबा नहीं रखती।

गिलानी ने डीफ़ैंस सेक्रेटरी ख़ालिद नदीम लोधी को बरतरफ़ करते हुए का बीनी सैक्रेटरी नरजिस सेठी को नया डीफेंस सेक्रेट्री मुक़र्रर किया है, जो सियोल हुकूमत के वफ़ादार है। गिलानी ने बरसर-ए-आम क्यानी और आई एस आई सरबराह लीफ़टीनेंट जनरल अहमद शुजाअ पाशाह पर मेमो गेट मसला से निमटने के आमिला में दस्तूर के मुग़ाइर काम करने का इल्ज़ाम आइद किया। इस के जवाब में पाकिस्तान की ताक़तवर फ़ौज ने आज वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी को इंतिबाह दिया कि इन की फ़ौज और आई एस आई पर तन्क़ीद के संगीन नताइज बरामद होंगी।

फ़ौज ने 111 ब्रिगेड की क़ियादत में तबदीली की है, जिस के साथ ही ये अफ़्वाहें शुरू होगई कि फ़ौज इक़तिदार पर क़ब्ज़ा करलेगी और आसिफ़ ज़रदारी को हटा दिया जाएगा। ताहम फ़ौज ने कहा कि ये तबदीली मामूल की कार्रवाई है। यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने एक बरसर-ए-आम कान्फ़्रैंस में मोतमिद दिफ़ा को बरतरफ़ करने का ऐलान करते हुए मुल्क़ को सयासी बोहरान के दहाने पर पहुंचा दिया है। आज का दिन पाकिस्तान में तेज़ रफ़्तार तबदीलीयों का दिन था।

फ़ौज ने वज़ीर-ए-आज़म के ख़िलाफ़ एक सख़्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि इन का इल्ज़ाम मुल्क के लिए संगीन नताइज और शदीद बोहरान पैदा करने के इमकानात रखता है। ये क़ियास आराईयां बढ़ती जा रही हैं कि ताज़ा बोहरान के नतीजा में 4 साल क़दीम मुंख़बा गिलानी हुकूमत इक़तिदार से बेदखल कर दी जाएगी। वज़ीर-ए-आज़म ने मोतमिद दिफ़ा लेफ्टीनेंट जनरल (रिटायर्ड) नसीम ख़ालिद लोधी को जो सरबराह फ़ौज इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी के क़रीबी साथी समझे जाते हैं, बरतरफ़ कर दिया है। रावलपिंडी में क़ायम फ़ौजी यूनिट के नए कमांडर ब्रिगेडीयर सरफ़राज़ अली मुक़र्रर किए गए हैं।

ये यूनिट रिवायती तौर पर फ़ौजी कवर में कलीदी किरदार अदा करती है। फ़ौज में आज ग़ैरमामूली तूफ़ानी रद्दोबदल किया गया। दो दिन क़बल चीन के सरकारी पोर्टल पर वज़ीर-ए-आज़म गिलानी ने कहा था कि सरबराह फ़ौज क्यानी और आई एस आई सरबराह लेफ्टीनेंट जनरल शुजाअ पाशाह ने सुप्रीम कोर्ट में मुरासला तनाज़ा पर हलफ़नामा दाख़िल करते हुए ग़ैर दस्तूरी और गै़रक़ानूनी कार्रवाई की है क्योंकि उन के ब्यानात की हुकूमत से पेशगी इजाज़त नहीं ली गई थी।

फ़ौज के ब्यान में कहा गया है कि इस इल्ज़ाम से ज़्यादा संगीन कोई और इल्ज़ाम नहीं हो सकता जो वज़ीर-ए-आज़म ने सरबराह फ़ौज और डायरैक्टर जनरल आई एस आई पर आइद किया है और उन्हें दस्तूर की ख़िलाफ़वर्ज़ी का मुर्तक़िब क़रार दिया है।

सरबराह फ़ौज ने मोतमिद दिफ़ा की बरतरफ़ी के कुछ ही देर बाद कलीदी फ़ौजी बाएतिमाद साथीयों का एक इजलास जनरल हेडक्वार्टर्स में तलब किया है और इमकान है कि इस में कौर कमांडरस के साथ कल सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया जाएगा। वज़ीर-ए-आज़म गिलानी ने मोतमिद दिफ़ा को फ़ौरी असर के साथ वसीअ पैमाने पर ग़लत किरदार और गै़रक़ानूनी कार्यवाईयों के इल्ज़ाम में बरतरफ़ कर दिया है।

वज़ीर-ए-आज़म दफ़्तर से इस सिलसिला में आज ब्यान जारी किया गया, जिस में कहा गया है कि लोधी के ख़िलाफ़ सरकारी इदारों के दरमयान ग़लतफ़हमी पैदा करनी की बिना पर कार्रवाई की गई है। हुकूमत ने हाल ही में लोधी को एक वजह बताई नोटिस जारी की थी जबकि उन्हों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाख़िल किया था, जिस में दावा किया गया था कि सियोल इंतिज़ामीया का फ़ौज और आई एस आई की कार्यवाईयों पर कोई कंट्रोल नहीं है।

हलफनामा में मज़ीद कहा गया है कि हुकूमत सिर्फ़ फ़ौज और आई एस आई के इंतिज़ामी कंट्रोल तक महिदूद है। शाम में पाकिस्तानी चैनल्स पर ख़बर दी गई कि वज़ीर-ए-आज़म गिलानी क़ौम से ख़िताब करेंगे, लेकिन वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर के तर्जुमान ने इस ख़बर की फ़ौरी तरदीद कर दी।

परेशानीयों में मुबतला गिलानी हुकूमत पहले ही अदलिया के साथ तसादुम की राह पर है। सुप्रीम कोर्ट कल ही इंतिबाह दे चुकी है कि सदर और वज़ीर-ए-आज़म दोनों के ख़िलाफ़ तौहीन अदालत की कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि उन्हों ने क्रप्शन के मुक़द्दमात के सदर ज़रदारी के ख़िलाफ़ अहया के अदालती हुक्म की तामील नहीं की है।

क़ब्लअज़ीं ज़रदारी ने इन इत्तिलाआत की तरदीद की थी कि उन्हों ने पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी के एक इजलास में अस्तीफ़ा की पेशकश की थी और इस इजलास में जो कल रात देर गए मुनाक़िद किया गया था, हलीफ़ सयासी पार्टीयां भी शरीक थीं। गिलानी ने पैर के दिन इंटरव्यू देते हुए कहा था कि फ़ौज और आई एस आई के सरबराह मुरासला मसला पर हुकूमत से इजाज़त हासिल किए बगै़र सुप्रीम कोर्ट ने हलफ़नामा दाख़िल कर चुके हैं।

ताक़तवर फ़ौज ने कहा था कि इस से ज़्यादा संगीन इल्ज़ाम कोई और नहीं होसकता जो वज़ीर-ए-आज़म ने आइद किया है। वज़ीर-ए-आज़म गिलानी ने कहा था कि सरबराह फ़ौज क्यानी और सरबराह आई एस आई लेफ्टिनेंट जनरल पाशाह के सुप्रीम कोर्ट में मुबय्यना मुरासला मसला पर दाख़िल करदा जवाबी हलफनामे मुताल्लिक़ा ओहदेदार की मंज़ूरी के बगै़र दाख़िल किए गए हैं, जो क़वाइद की ख़िलाफ़वर्ज़ी हैं।

उन्हों ने कहा था कि मुताल्लिक़ा ओहदेदार की मंज़ूरी इन दोनों हलफनामे दाख़िल करने के लिए ज़रूरी थी। महिकमा दिफ़ा की इजाज़त लेनी चाहीए थी।