हुकूमत पर एफडी आई तहरीक पर वोटों के मशकूक तरीक़ों हुसूल का इल्ज़ाम

नई दिल्ली, 08 दिसंबर: (पीटीआई) अपोज़ीशन पार्टीयों ने राज्य सभा में रीटेल शोबा पर रास्त ग़ैरमुल्की सरमाया कारी तहरीक पर राय दही में शिकस्त होने के बाद हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि इसने बी एस पी और एस पी के साथ गठजोड़ करके मशकूक तरीक़ों से वोट हासिल किए हैं।

बी जे पी, सी पी आई एम, सी पी आई और तृणमूल कांग्रेस ने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि हुकूमत की कामयाबी राज्य सभा में अपोज़ीशन पार्टीयों की अक्सरीयत के बावजूद हासिल हुई, जो मशकूक है। अनाडी एम के के रुकन वी माइत्रयन ने कहा कि इस तहरीक पर राय दही मसला की ख़ूबीयों और ख़ामीयों की बिना पर नहीं बल्कि दीगर वजूहात की बिना पर हुई।

ये कामयाबी अक्लीयती कामयाबी है। बी जे पी ने बी एस पी और एस पी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि उन्होंने कसीर बैंक रीटेल शोबा में एफडी आई के मसला पर अपना मौक़िफ़ बरअक्स कर लिया है और हुकूमत के साथ गठजोड़ करते हुए उसे कामयाबी दिलवाई है।

बाएं बाज़ू की पार्टीयों ने हुकूमत पर पार्लीमेंट में तहरीक की शिकस्त से बचने के लिए मशकूक तरीक़ों से वोट हासिल करने का इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा कि पार्लीमेंट के दोनों ऐवानों में एफडी आई के इक़दाम की मुख़ालिफ़त करने वाली सयासी पार्टीयों के अरकान-ए-पार्लीमेंट की तादाद अक्सरीयत में होने के बावजूद इस इक़दाम की मंज़ूरी वाज़िह तौर पर मशकूक क़रार पाती है।

बाएं बाज़ू की पार्टीयों ने समाजवादी पार्टी और बी एस पी पर भी इल्ज़ाम आइद किया कि उन्होंने इस मसला पर मुबहम मौक़िफ़ इख्तेयार किया था। सी पी आई एम की पोलिट ब्यूरो के एक बयान में कहा गया है कि पार्लीमेंट के दोनों ऐवानों में इस मसला पर मुबाहिस से ज़ाहिर हो गया था कि सयासी पार्टीयों की अक्सरीयत वाज़िह तौर पर इस इक़दाम के ख़िलाफ़ है, लेकिन राय दही के नताइज बरअक्स ज़ाहिर हुए।

सी पी आई एम क़ाइद सीताराम यचूरी ने भी कहा कि इस मुआमला में स्कैंडल की बू आती है। तृणमूल कांग्रेस क़ाइद डेरेक ओबराइन ने कहा कि उनकी पार्टी अपने उसूलों और नज़रियात पर अटल है। चुनांचे इसने एफडी आई के फ़ैसला की मुख़ालिफ़त की थी।

सीताराम यचूरी ने कहा कि उनकी पार्टी अब अनक़रीब पार्लीमेंट फेमा आलामीया में तरमीमात की तजवीज़ पेश करेगी। वैंकया नायडू ने कहा कि तहरीक नाकाम हो चुकी है क्योंकि बी एस पी ने उसकी ताईद में वोट दिया और समाजवादी पार्टी ने वाक आउट किया है जिन्होंने मुबाहिस के दौरान एफडी आई की मुख़ालिफ़त की थी।

उन्होंने कहा कि बी जे पी एन पार्टीयों को बेनकाब करना चाहती है और बता देना चाहती हैकि उन्होंने मुबाहिस में जो कुछ कहा था बाद में इससे मुनहरिफ़ हो गए हैं। बी एस पी ने उसे तन्क़ीद का सामना है। एक बयान में कहा कि इस ने हुकूमत की ताईद करने का इसलिए फ़ैसला किया क्योंकि अगर वो ऐसा ना करती तो एफडी आई पर अपोज़ीशन की ज़ेर ए सरपरस्ती क़रारदाद मंज़ूर हो जाती और अपोज़ीशन हुकूमत के मुस्ताफ़ी होने का मुतालिबा करता।

पार्टी की सदर मायावती ने कहा कि वो फ़िर्क़ापरस्तों को मर्कज़ में बरसर-ए-इक़तिदार (शासन) आने का मौक़ा नहीं देना चाहती थीं। इसलिए इसने इस मसला पर हुकूमत की ताईद में वोट देने का फ़ैसला किया था ताकि फ़िर्कापरस्त ताक़तें बरसर-ए-इक़तिदार ना आ सकें।