हुकूमत पर 60 हजार रुपये का जुर्माना

रांची 1 मई : रियासती इन्तेज़ामी ख़िदमत से हिंदुस्तानी इन्तेज़ामी ख़िदमत में परमोशन के मामले में हाइकोर्ट ने हुकूमत पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

जस्टिस एनएन तिवारी की अदालत ने हुकूमत को हिदायत की है के वो जुर्माने की रकम चार हफ्ता के अंदर जयश्री झा को दे। जयश्री झा को हिंदुस्तानी इन्तेज़ामी ख़िदमत (आईएस) में प्रोमोशन देने के मामले में तवील अरसे से तनाज़ा चल रहा है।

हुकूमत ने जयश्री झा को मज्मत और तीन प्रोमोशन रोके जाने की सजा दी थी। इस बुन्याद पर उनका नाम आईएस में प्रोमोशन के लिए नहीं भेज रही थी। जयश्री झा ने हुकूमत की इस कार्रवाई को अदालत में चैलेंज दी थी।

मामले की समाअत में यह पाया कि साल 1996 में पेशगी देने और उसे एडजस्ट नहीं करने के इलज़ाम में महकमा जाती कार्यवाही शुरू की थी।

16 साल में ये महकमा जाती कार्यवाही का निबटारा किया। इस दौरान दो ओपरेशन ओहदेदार बदले गये। तीसरे ओपेरशन अफसर ने किसी तरह महकमा जाती कार्यवाही ख़त्म की और जयश्री झा को क़सूरवार बता दिया। ताहम उन्होंने यह नहीं बताया कि जयश्री झा को किन-किन इल्ज़ामात के लिए मुज़रिम पाया गया है। इसलिए अदालत ने सजा को मनसुख कर दिया। हुकूमत ने दरख्वास्त की, पर फैसला जयश्री झा के हक़ में गया। इसके बाद हुकूमत ने एक ही दिन दो हुक्म जारी किया।

पहले हुक्म से पहले में दिये गये सजा को मनसुख कर दिया और दूसरे हुक्म से फिर सज़ा दिया। हुकूमत की इस कार्रवाई को जयश्री झा ने फिर चैलेंज दी। अदालत ने हुकूमत के इस अक़दाम को गलत क़रार देते हुए 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही आईएस में प्रोमोशन के लिए उनका नाम हिंदुस्तान हुकूमत को भेजने की हिदायत दी। ये हिदायत के बाद हुकूमत ने उनका नाम प्रोमोशन के लिए भेज दिया है।