हुकूमत मआशी अबतरी पर क़ाबू पाने में कामयाब होगी

जारीया अकाउंट ख़सारा को 70 बिलीयन अमरीकी डालर से कम किया जाएगा, वज़ीरे फाईनान‌स चिदम़्बरम का इद्दिआ
हुकूमत मआशी अबतरी के इस दौर से बाहर निकलने और मईशत को ख़राबी पर क़ाबू पाने में कामयाब होने का इद्दिआ करते हुए वज़ीरे फाईनानस पी चिदम़्बरम ने कहा कि जारीया अकाउंट ख़सारा को 70 मीलियन अमरीकी डालर से कम पर ही क़ाबू में किया जाएगा। पिछ्ले साल तजज़िया कारों, पंडितों ने मुझ से कहा था कि हर रोज़ टी वी चैनल पर नमूदार होने वाले अफ़राद के बयानात से ज़ाहिर हो रहा है कि हुकूमत इस मालीयाती ख़सारा पर क़ाबू नहीं पा सकती।

उन्होंने स्टेट बैंक आफ़ मैसूर के जलसे से ख़िताब करते हुए कहा कि मुझे ख़ुशी है कि हम उन लोगों को हैरतज़दा करने के काबिल होचुके हैं। हम से कहा गया था कि हुकूमत जारीया अकाउंट ख़सारा पर क़ाबू नहीं पा सकती। इस पर मैंने पिछ्ले साल कहा था कि हमारा ख़सारा 88 बिलीयन अमरीकी डालर है। अब उसको कम करते हुए 70 बिलीयन अमरीकी डालर करदेने का अह्द किया था।

बहुत जल्द अपने अह्द को पूरा करूंगा। में आप से ये कहते हुए फिर एक बार हैरत में डाल देना चाहता हूँ कि हम ख़सारा को 70 बिलीयन अमरीकी डालर तक क़ाबू में करलींगे। हमारे अवाम बचत के आदी हैं और अवाम ही हमारा सब से बड़ा असासा हैं। मुल्क के अवाम क़ीमतों में बेतहाशा इज़ाफ़ा के बोझ तले दब रहे हैं , इस शिकायत पर उन्होंने कहा कि हम ख़ाम तेल की क़ीमत का ताय्युन नहीं करसकते, उसकी क़ीमत कोई और तै करता है।

हम तो ज़रूरत के मुताबिक़ तेल दरआमद करना होता है। इस से इफ़राते ज़ेर का भी बोझ बढ़ता है जिस पर बैन-उल-अक़वामी अशीया की क़ीमतों में इज़ाफ़ा होता है। हिन्दुस्तान पर भी इसका असर पड़ता है। मुल्क में इफ़रात-ए-ज़र की शरह ज़ाइद है, में जानता हूँ कि ये आप पर बड़ा बोझ है लेकिन आप को ये बोझ बर्दाश्त करना पड़ेगा क्यों कि हिन्दुस्तान एक बड़ा मआशी मुल्क है। यहां की कैफ़ीयत 10 साल क़बल जो थी अब नहीं है, हम इस तरह के बोहरान खड़े नहीं करते, ये बोहरान कोई और पैदा करता है।

आज के हालात 1991 या 1997 या 2008 की तरह अबतर नहीं हैं। हम मौजूदा दौर से भी कामयाब गुज़र जाऐंगे। हम को इफ़रात-ए-ज़र पर क़ाबू पाने के लिए क़दम बह क़दम कोशिश करनी होगी। वज़ीरे फाईनानस ने बैंकों से भी कहा कि वो दूसरे बैंक का क्लोन ना बनें क्यों कि हम क्लोन बनना नहीं चाहते। हर एक बैंक को अपना ख़ुद का कल्चर इख़तियार करना होगा।