हुकूमत मज़दूरों के मसाइल और इनफ्रास्ट्रक्चर की क़िल्लत के अलावा सरमाया की आला लागत के मसाइल की अनक़रीब यकसूई करेगी। ताहम ये एक मुश्किल मुहिम साबित होगी। क्योंकि जी डी पी में पैदावार कुनंदों का हिस्सा 15 से बढ़ाकर 25 फ़ीसद कर दिया गया है।
मर्कज़ी वज़ीरे फाइनेंस अरूण जेटली ने कहा कि इस के बावजूद भी वो मसनूआत की फ़रोख़त में मदद करेंगे। इस के एक हिस्सा के तौर पर मेक इन इंडिया मुहिम का आग़ाज़ किया गया है जो ख़ुसूसी शोबों में चलाई जा रही है और हुकूमत बहुत जल्द मेहनत और इनफ्रास्ट्रक्चर के शोबों में मसाइल की यकसूई करेगी। हिन्दुस्तान कोशिश कररहा है कि आलमी पैदावारी मर्कज़ बन जाये।
उन्होंने विज़ारत तिजारत के ज़ेर-एएहतेमाम मुनाक़िदा एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए ये तबसरा किया।