दमिशक़ 1 डिसमबर ( एजैंसीज़) शाम के अलराबिया टी वी स्टेशन से नशर किए हुए एक आडीयो पैग़ाम में लीबिया के साबिक़ रहनुमा मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की दुख़तर आईशा क़ज़ाफ़ी ने लीबिया की नई हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की अपील की है । उन्हों ने कहा कि ये हुकूमत नाटो के तय्यारों में सवार होकर लीबिया आई है । उन्हों ने कहा कि इन के वालिद ने तर्क-ए-वतन नहीं किया वो हमेशा लीबीयाई शहरीयों के दरमयान रहे ।
आईशा क़ज़ाफ़ी ने अपने वालिद के चिहलुम के बाद ब्यान देते हुए कहा कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के अहकामफ़रामोश ना किए जाएं और नई हुकूमत के ख़िलाफ़ जंग जारी रखी जाय चाहे आप की आवाज़ें ख़ामोश क्यों ना करदी जाएं । उन्हों ने कहा कि कर्नल क़ज़ाफ़ी को उन के फ़र्ज़ंदमोतसिम के साथ 20 अक्टूबर को गिरफ़्तार किया गया जबकि वो शहर सुरत से रवाना होरहे थे । बादअज़ां उन्हें बाग़ीयों ने गोली मार दी ।
लीबिया का दार-उल-हकूमत तरह बुल्स अगस्त में बाग़ीयों के ज़ेर-ए-क़ब्ज़ा आगया । आईशा उन की वालिदा और दो भाई पड़ोसीमुलक अल्जीरिया में पनाह गुज़ीन हैं । उन्हों ने कहा कि अल्जीरिया की हुकूमत ने उन्हें अवामी ब्यानात जारी करने से रोक दिया है उन्हें सिर्फ़ इंसानी बुनियादों पर पनाह दी गई है ।