हुकूमत लोक पाल बल की मंज़ूरी की पाबंद

मर्कज़ी वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर कमल नाथ ने आज एक प्रैस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि हुकूमत लोक पाल बिल की मंज़ूरी की ख़ाहिश‌ है लेकिन तरीका-ए-कार की पाबंदी भी ज़रूरी है।

राज्य सभा की सलेक्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश करदी है। पहले इस पर राज्य सभा में बाहस किए जाऐंगे क्योंकि ये एक मुख़्तलिफ़ मुसव्वदा क़ानून है जिस की लोक सभा से मंज़ूरी बाक़ी है। उसे लोक सभा में दुबारा पेश किया जाएगा। हुकूमत इसके तरीका-ए-कार पर ग़ौर कररही है और दीगर सियासी पार्टीयों से तबादला-ए-ख़्याल जारी है।

इस सवाल पर कि क्या अपोज़ीशन के सरमाई इजलास की बड़ाने के मांग‌ पर हुकूमत ग़ौर कररही है। उन्हों ने कहा कि इस पर फ़ैसला 15 या 16 दिसम्बर को किया जाएगा। इस का इन्हिसार पार्लीमेंट की कार्रवाई पर होगा। आख़िरी दिन भी इजलास में तौसी की जा सकती है लेकिन पहले ये देखना ज़रूरी होगा कि सरमाई इजलास पेशरफ़त करता है और इस में कितना काम अंजाम पाता है।