हुकूमत लोक पाल बिल मंज़ूर करने संजीदा नहीं : सी पी आई (एम)

सी पी आई (एम) ने आज मर्कज़ी हुकूमत को तन्क़ीद बनाते हुए कहा कि लोक पाल बिल मंज़ूर करने हुकूमत संजीदा नहीं है जबकि हुकूमत ने ये वज़ाहत की है कि सी पी आई (एम) जो भी कह रही है वो हक़ीक़त से दूर‌ है हुकूमत के लेजिस्लेटिव एजंडा में लोक पाल बिल भी शामिल है जिस से ज़ाहिर होजाता है कि हुकूमत मज़कूरा बिल मंज़ूर करने की पाबंद है।

पार्टी एम पी बासू दीप आचार्य ने पार्लियामेंट के बाहर अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत करते हुए कहा कि हुकूमत लोक पाल बिल की मंज़ूरी केलिए संजीदा नहीं है और नहीं चाहती कि पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों में ये बिल मंज़ूर हो और यही वजह है कि बिल पेश करने में ताख़ीर की जा रही है हालाँकि हम हुकूमत पर दबाव‌ बनाए हुए हैं और मुसलसल कह‌ रहे हैं लेकिन अब तक कोई मुसबत अलामात ज़ाहिर नहीं हुई हैं।

आचार्य ने कहा कि राज्य सभा की सिलेक्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट छः सात माह क़बल ही पेश करदी थी और इस हिसाब से बिल को ऐवान बाला में मंज़ूर करलिया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि राज्य सभा में मंज़ूर होने के बाद इस बिल को लोक सभा में पेश किया जाये वर्ना बिल गैरकारकर्द होजाएगा। पार्लियामेंट के गुजिश्ता इजलास में भी हम ने मांग‌ किया थाकि लोक पाल बिल को पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों में मंज़ूर किया जाये।

हम बिल पेश करने की गुंजाइश ज़रूर पैदा करेंगे लेकिन क्या किया जाये , हुकूमत ख़ुद ही बिल मंज़ूर करने संजीदा नहीं है। दूसरी तरफ़ वज़ीर बराए पार्लीमानी उमूर् कमल नाथ ने कहा कि हुकूमत ने राज्य सभा केलिए अपने एजंडा में लोक पाल बिल को शामिल किया है और एजंडा में वही बात शामिल की जाती है जिस पर बहस होना मक़सूद हो।

अगर ऐसा ना होता तो एजंडा में लोक पाल बिल का तज़किरा ही ना होता। हुकूमत लोक पाल बिल मंज़ूर कराने संजीदा है इस के लिए ये वज़ाहत काफ़ी होगी। उन्होंने मज़ीद कहा कि इसके लिए शर्त ये है कि ऐवान की कार्रवाई बगैर किसी रुखना अंदाज़ी के चलाई जाये। हुकूमत अकेले कुछ नहीं कर सकती बल्कि बिल की मंज़ूरी के लिए पूरी पार्लियामेंट की मंज़ूरी ज़रूरी है।