हुक्काम की लापरवाही से 300 आटोज़ मालेकीन का मुस्तक़बिल ग़ैर यक़ीनी

हैदराबाद । 8 जनवरी (सियासत न्यूज़) रिश्वतखोरी और बदउनवानीयों के ख़िलाफ़ मुल्क गीर सतह पर जारी मुहिम और बद उनवान ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बावजूद कोई भी सरकारी महिकमा ऐसा कोई मौक़ा छोड़ने को तैय्यार नहीं कि जिस से उन्हें नाजायज़ तौर पर फ़ायदा हासिल होसके? और मुबय्यना तौर पर हर मौक़ा को ग़नीमत जानने में किसी किस्म की कोई कसर बाक़ी नहीं रखते। एक ऐसा ही वाक़िया इन दिनों मंज़र-ए-आम पर आया है, जहां कोई बड़ी कंपनी या फिर अराज़ी के नाजायज़ अलाटमैंट का मुआमला नहीं बल्कि आटो वालों के जज़बात के साथ खिलवाड़ और उन की परेशान ज़िंदगीयों को अजीरन बनाने वाला मुआमला है।

ताहम इस मुआमला की हक़ीक़त को मंज़र-ए-आम पर लाना और तक़रीबन 300 आटो वालों के साथ इंसाफ़ करते हुए उन की परेशान ज़िंदगीयों को सहारा देना अब हुकूमत की ज़िम्मेदारी है? जहां मुबय्यना तौर पर 300 आटो रिक्शाओं को ग़ैर मजाज़ तौर पर जारी करदिया गया। मुआमला जारीया दिनों आटो रिक्शा रजिस्ट्रेशन से जुड़ा है। ताहम इस वाक़िया के ख़िलाफ़ कमीयूनिसट पार्टी आफ़ इंडिया सी पी ऐम हरकत में आ चुकी है और आटो मालेकीन यूनीयन की नुमाइंदगी पर इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद करने का फ़ैसला करलिया है। इस ख़सूस में साबिक़ एम पी मधु ने 9 जनवरी को ट्रांसपोर्ट कमिशनर से मुलाक़ात का इरादा किया है और आटो रिक्शा वालों से इंसाफ़ तक जद्द-ओ-जहद जारी रखने का ऐलान किया है।

बताया जाता है के शहर हैदराबाद में साल 2002 से आटो रिक्शा रजिस्ट्रेशन बंद करदिए गए हैं और 24 नवंबर साल 2011को हुकूमत ने एक जी ओ नंबर 133 जारी करते हुए 3,500 आटो रिक्शाओं के रजिस्ट्रेशन के अहकामात जारी करदिए। ये रजिस्ट्रेशन इस बुनियाद पर किए जा रहे हैं और इस तादाद को इस वजह से मुक़र्रर किया गया है कि जो आटो रिक्शा तबाह होचुके हैं या फिर किसी मुक़द्दमात की वजह से फंसे हुए हूँ उन की तादाद देख कर उतनी ही तादाद में रजिस्ट्रेशन के लिए अहकामात जारी किए गए।

हुकूमत ने जारी करदा जी ओ में 3,500 परमिट की तादाद में 500 रजिस्ट्रेशन परमिट को एससी, एसटी के लिए मुख़तस करदिया और तीन हज़ार रजिस्ट्रेशन परमिट को जनरल ज़मुरा में रख दिया। बावजूद इस के 3800 आटो रिक्शा शोरूमस से निकल गए हैं। आटो रजिस्ट्रेशन केलिए ट्रांसपोर्ट कमिशनरीयट पर टोकननिज़ाम का एहतिमाम किया गया और तमाम आटो रिक्शाओं केलिए टोकन जारी किया गया और इस बात की हिदायत दी गई कि सैंटर्ल ऑफ़िस से सिर्फ टोकन और इलाक़ा केलिहाज़ से मुताल्लिक़ा ऑफ़िस पर रजिस्ट्रेशन की सहूलत फ़राहम की गई और इस दौरान 3500 टोकन जारी किए गए, लेकिन शोरूमस से 3800 आटो रिक्शा बाहर आ चुके हैं, जिन में 300 आटो रिक्शा फ़िलहाल टी आर नंबर पर हैं।

शोरूमस से गाड़ी हासिल करते वक़्त टैक्स की अदायगी के बाद टी आर नंबर जारी किया जाता है। बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ तीन बड़े शोरूमस से आटो रिक्शा बाहर आए, जिन में एक नामवर कंपनी के शोरूमस से 300 से रेक्षा बाहर निकले जिन का रजिस्ट्रेशन होना नामुमकिन है चूँकि जी ओ में सर अहित की गई तादाद से ये तादाद तजावुज़ कर जाती है जबकि महिकमा के तआवुन-ओ-मुबय्यना मिली भगत के बगै़र शोरूम के लिए ऐसी हरकत करना मुश्किल है एक आटो की क़ीमत एक लाख 45 हज़ार है और इस पर एक लाख तीन हज़ार तक फ़ीनानस की गुंजाइश है और अक्सर आटो रिक्शा फ़ैनानस के ज़रीया हासिल किए गए शहर में आटो रिक्शाओं की ऐसी हालत और मुबय्यना तौर पर शोरूमस और महिकमा की मिली भगत के ख़िलाफ़ आटो मालेकीन की यूनीयन ने अपना शदीद एहतिजाज दर्ज किया है।

ग्रेटर सिटी आटो ओनर्स वीलफ़ीयर एसोसी एष्ण के सदर मिर्ज़ा रिफ़अत अल्लाह बेग ने कहा कि 300 आटोज़ की तफ़सीलात को मंज़र-ए-आम पर लाना चाहीए। उन्हों ने महिकमा रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरीटी और शोरूमस के ज़िम्मेदारों पर मिली भगत का इल्ज़ाम लगाया और कहा कि दोनों नेग़रीब आटो वालों की ज़िंदगीयों को मज़ीद मुश्किलात में मुबतला करदिया है। उन्हों ने कहा कि हुकूमत को चाहीए कि वो जामि तहक़ीक़ात करवाए और क़सूर वारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे या फिर 300 आटोज़ का रजिस्ट्रेशन करवाए या फिर उन्हें उन की रक़म वापिस करदे। उन्हों ने अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि अगर परेशानी के हालात में आटो वाले अपनी ज़िंदगीयों के साथ कुछ करलेते हैं तो उन का कौन ज़िम्मेदार होगा।