हुक्मराँ टी आर एस अरकाने असेंबली की तादाद 73 हो गई

हुक्मराँ टी आर एस के अरकाने असेंबली की तादाद 73 हो गई। 5 माह के दौरान 10 अरकाने असेंबली टी आर एस में शमूलीयत अख़्तियार कर चुके हैं, जिस से तेलंगाना में टी आर एस का मौक़िफ़ काफ़ी मुस्तहकम हो गया है।

14 साल तक तेलंगाना तहरीक चलाने वाले सरब्राह टी आर एस के चन्द्र शेखर राव ने अलाहिदा रियासत की तशकील के बाद आम इंतिख़ाबात में तशकील हुकूमत के लिए अक्सरीयत हासिल करते हुए सियासी हल्क़ों में हलचल पैदा करदी थी, क्योंकि आम इंतिख़ाबात के दौरान सारे मुल्क में मोदी लहर चल रही थी, ताहम तेलंगाना में मोदी का असर ज़ाइल करने में के सी आर ने अहम रोल अदा किया।

आम इंतिख़ाबात में 119 के मिनजुमला टी आर एस के 63 अरकाने असेंबली मुंतख़ब हुए थे, ताहम 5 माह के दौरान कांग्रेस, तेलुगु देशम और बी एस पी के 10 अरकान चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्र शेखर राव से मुतास्सिर होकर उन की पार्टी में शमूलीयत अख़्तियार करली। कल तेलुगु देशम के अरकाने असेंबली टी आर एस में शामिल हुए हैं, जब कि दो अरकाने असेंबली टी आर एस से राबिता में हैं।

वाज़ेह रहे कि 2004 में इक़्तेदार हासिल करने के बाद आँजहानी चीफ़ मिनिस्टर डाक्टर वाई एस राज शेखर रेड्डी ने कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए तमाम अपोज़ीशन जमातों को कमज़ोर किया था।

उस वक़्त टी आर एस के 10 अरकाने असेंबली ने टी आर एस से बग़ावत करके कांग्रेस का साथ दिया था। इसी तरह चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव भी तेलंगाना से अपोज़ीशन का सफ़ाया की हिक्मते अमली पर काम कर रहे हैं और अपोज़ीशन जमातें उन पर यही इल्ज़ाम भी आइद कर रही हैं।