निज़ामाबाद, १० फरवरी ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) मौलाना मुहम्मद अबदुल ग़फ़्फ़ार इमाम-ओ-ख़तीब मस्जिद रज़ाबेग ने बउनवान नबी करीम (स०अ०व०) की दावती ज़िंदगी से जमात-ए-इस्लामी हिंद शहर निज़ामाबाद के मर्कज़ी इजतिमा में ख़िताब करते हुए कहा कि इस उम्मत को सब से बड़ी ख़ुशी इस बात की है कि हमारे नबी मुहम्मद (स०अ०व०) की विलादत बा सआदत का ही महीना रब्बिल अव्वल है और 12 रब्बी अव्वल आप (स०अ०व०) की विलादत का दिन है।
आप ने कहाकि लोगो कलमा पढ़ लो तो कामयाब हो जाओगे हुज़ूर ने शुरू दिन से ही इंसानों को सही रास्ता बताया । ख़ुदा सिर्फ मुस्लमानों का ख़ुदा नहीं है बल्कि सारे इंसानों का ख़ुदा है । इस लिए हुज़ूर अकरम (स०अ०व०) ने सारे इंसानों को दावत दी । अगर देखा जाय तो हुज़ूर (स०अ०व०) की ज़िंदगी के हर पहलू में दावत पोशीदा थी।
आप ने लोगों को जमा किया लोग जमा हुए । उन्होंने कलमा पढ़ा और एक उम्मत बन गए । चूँकि आप के बाद कोई नबी आने वाला नहीं है । इंसान की जद्द-ओ-जहद और तलब को देख कर ही अल्लाह हिदायत देता है। सही मानी में आपकी ज़िंदगी आप की सीरत नमूना है अस्वा हस्ना दावत है ।
आप ने सहाबा एकराम की ऐसी तर्बीयत की कि वो दुनिया और आख़िरत दोनों में कामयाब हुए ।आप की ज़िंदगी और सीरत से हमें ये पैग़ाम मिलता है कि आप (स०अ०व०) को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा गया । आप तमाम इंसानों के दरमयान मसावत का दरस देते , ज़ात पात और ऊंच नीच का कोई ज़ाबता नहीं था।
हज़रत बिलाल का वाक़िया ब्यान किया कि किस तरह तरक़्क़ी करते गए । इस दौर में नबी करीम (स०अ०व०) की सीरत के पहलू एक ख़ुदा एक इंसान और तालीम को आम करना चाहीए । आप ने जिस जमात को तैयार किया वो एक नमूना थी। इलावा अज़ीं मीलाद उन नबी (स०अ०व०) के मौक़ा पर शोबा ख़िदमत ए ख़ल्क़ जमात-ए-इस्लामी हिंद शहर निज़ामाबाद की जानिब से सरकारी दवाख़ाना में मरीज़ों में फलों की तक़सीम-ए-अमल में लाई गई ।
इस के इलावा सीरत उन नबी (स०अ०व०) से अवाम को वाक़िफ़ करवाने के लिए अवाम में किताबचे भी तक़सीम किए गए ।