‘हुदहुद’ तूफान, बिहार में असर परसों रात से

समुद्री तूफान हुदहुद इतवार सुबह ओडिशा के समुद्री साहिलों पर दस्तक देगा। 130 से 150 किमी फी घंटा की रफ्तार से चल रहे इस सीवियर साइक्लोन का असर बिहार में 12 अक्टूबर की रात से 14 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान रियासत के जुनूबी जिलों में बारिश की इमकानात है।
मौसम साइंस मरकज़ के डाइरेक्टर आरके गिरि ने बताया कि अभी तक की हालत के मुताबिक, रियासत में इस समुद्री तूफान का कोई खुसुसि असर पड़ने की इमकान नहीं है।

फिर भी इसकी इत्तिला रियासत के तमाम मुतल्लिक़ महकमा में दी गई है। साइक्लोन का सेंटर ओडिशा के गोपालपुर समुद्र किनारे से 800 किमी दूर 13.9 डिग्री नार्थ और 88.9 डिग्री ईस्ट बंगाल की खाड़ी में बना है, जो इतवार की सुबह ओडिशा की साहिलों पर आएगा। वहीं, हुदहुद ओडिशा और नार्थ आंध्रप्रदेश होते हुए छत्तीसगढ में दाखिला करेगा। इसका असर बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश में पड़ेगा।

पेसू ने जारी किया अलर्ट

समुद्री तूफान हुदहुद को लेकर पेसू ने हाई अलर्ट जारी किया है। पेसू जीएम राजीव अमित ने कहा कि तूफान आने पर तेज हवा और बारिश की वजह से पेड़ गिरने की इमकनात रहती है। मौसम साइंस की वार्निंग मिलने के बाद पेसू इलाक़े के तमाम 10 डिविजनों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। किसी भी आफत की हालत से निपटने के लिए 24 घंटे काम करने को तैयार रहेंगे। किसी भी गड़बड़ी को फौरन ठीक किया जाएगा।

फसल को नुकसान की खदसा

तूफान असरदार रहा तो फसलों को नुकसान हो सकता है। धान की फसल में फफूंद और दीगर बीमारी लगने का डर रहेगा। आईसीएआर के प्रिन्सिपल सायनस्टिस डॉ. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि नमी ज़्यादा होने से धान, मक्का और दीगर कई फसलें मुतासीर होती हैं। केला की फसल को भी नुकसान होगी। तेज बारिश से दलहनी फसलों को भी खतरा रहता है। खेतों में ज़्यादा पानी जमा रहा तो रबी बुआई में देर हो सकती है।

राज्य में कितना होगा इसका असर

हुदहुद का असर बिहार में खास तौर से नहीं पड़ने की इमकान है। इसका रास्ता ओड़िशा, आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ तक जाता है। इसका असर 12 अक्टूबर की रात से 13 और 14 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान रियासत के जुनूबी जिलों बांका, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई व पटना में तेज हवा के साथ बारिश होने के आसार जरूर हैं।