हुदहुद तूफान से ओडिसा व आंध्रप्रदेश में दहशत 12 अक्तूबर को तेज बारिश के आसार

महकमा मौसमियात (meteorological department) ने बताया कि हुदहुद ओडिशा और आंध्रप्रदेश की साहिल की ओर बढ़ रहा है और आइंदा 12 घंटे में यह शदीद चक्रवाती तूफान का शक्ल ले लेगा। हिंदुस्तान के महकमा मौसमियात के बुलेटिन में कहा गया है कि आज सुबह 8 बज कर 30 मिनट के आसपास चक्रवात गोपालपुर से 780 किमी जुनूबी मशरिकी की ओर और विशाखापट्नम से 770 किमी जुनूबी मशरिकी में था। कल दोपहर 11 बज कर 30 मिनट पर यह चक्रवात गोपालपुर से 1100 किमी जुनूबी मशरिकी में और विशाखापटनम से 1150 किमी मशरिकी जुनूबी में था।

बुलेटिन में कहा गया है चक्रवात मुसलसल मसगरिब शुमाल शुमाल की ओर बढ़ेगा, अगले 12 घंटे में यह शदीद चक्रवाती तूफान का शक्ल ले लेगा और उसके बाद 24 घंटे के दौरान यह टाइटेनिक हो जाएगा। 12 अक्तूबर को दोपहर के पहले तक यह चक्रवात शुमाली आंध्रप्रदेश के साहिली हिस्से को पार कर जाएगा। बहरहाल, अंडमान निकोबार जज़ीरे के उपर इस चक्रवात की वजह से किसी मनफी मौसम की पेशनगोई न होने’ के सबब इस जज़ीरे के लिए डी-वार्निंग जारी की गई है।

महकमा मौसमियात ने शुमाली आंध्रप्रदेश के साहिली हिस्से और जुनूबी ओडिशा के लिए तेज बारिश होने की वार्निंग जारी की है। बुलेटिन में यह भी कहा गया है चक्रवात के असरात की वजह से 11 अक्तूबर की शाम से जुनूबी ओडिशा के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश (6.5 सेमी से 12.4 सेमी), कुछ इलाकों में ज़्यादा बारिश (12.5 सेमी से 24.4 सेमी) और कुछ में बहुत ही ज़्यादा बारिश (24.5 सेमी से ज़्यादा ) हो सकती है ।

शुमाली साहिली आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम जिलों में भी इसी तरह बारिश होगी। मौसम विभाग के मुतबैक , शुमाली आंध्रप्रदेश और जुनूबी ओडिशा के साहिली हिस्सों में हवाओं की रफ्तार 50 से 60 किमी फी घंटा हो रही है जो 11 अक्तूबर की सुबह तक 70 किमी फी घंटा तक हो जाएगी। इसके बाद 12 अक्तूबर से हवाओं की रफ्तार 30140 किमी फी घंटा और फिर 150 किमी फी घंटा तक हो जाएगी।

महकमा के बुलेटिन में कहा गया है कि समंदर (समुद्र) में 11 अक्तूबर की सुबह से उंची लहरें उठेंगी। 12 अक्तूबर की सुबह से लहरें खतरनाक शक्ल ले लेंगी। चक्रवात के असरात की वजह से कच्चे मकानों को ज़्यादा नुकसान पहुंचेगा। बिजली और कम्युनिकेशन की लाइनें जुज़वी तौर पर बंद रहेंगी। रेल और सड़क की ट्रैफिक भी मुतास्सिर होगी और उड़ते मलबे से भी खतरा होगा।