श्रीनगर: कश्मीर में मीरवाइज़ मौलवी उमर फ़ारूक़ की क़ियादत वाली हुर्रियत कान्फ़्रेंस ने कुनान पोशपोरा के उल-मनाक सानिहा के 25 बरस गुज़रने के मौक़े पर हुक़ूक़ बशर के आलमी इदारों से कश्मीर की असरी और इन्सानी तारीख़ के इस स्याह तरीन वाक़िये में मुलव्विस मुजरिमीन को अदालत के कठहरे तक लाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करने की अपील करते हुए कहा है कि 25 साल का अरसा गुज़र गया लेकिन फ़ोर्सिज़ अहलकारों की तरफ से शदीद जिन्सी तशद्दुद की शिकार कुनान पोशपोरा की मज़लूम ख़वातीन आज भी ना सिर्फ अदालती इन्साफ़ से महरूमी की शिकार हैं बल्कि जम्हुरियत और इन्साफ़ के दावेदारों ने इस वाक़िये में मुलव्विस मुजरिमीन को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम कर के उनके ख़िलाफ़ किसी भी किस्म की कार्रवाई अमल में ना लाकर तमाम इन्सानी और अख़लाक़ी इक़दार को बुरी तरह पामाल किया है
आज से 25 बरस क़बल यानी 23 फरवरी 1991 को फ़ौज ने मुबय्यना तौर पर शुमाली कश्मीर के ज़िला कुपवारा के कुनान पोशपोरा में 35 जबकि पोशपोरा में 5 कुंबों की ख़वातीन को इजतिमाई इस्मत रेज़ि का शिकार बनाया था। आज तक इस मुबय्यना सानिहा के मिलो सीन को कैफ़र-ए-किरदार तक नहीं पहुंचाया गया है|