हुसैन हक़्क़ानी को गिरफ़्तारी का ख़दशा

वाशिंगटन २० नवंबर (यू एन आई) अमरीका में पाकिस्तानी सफ़ीर हुसैन हक़्क़ानी जो पाकिस्तानी नज़ाद अमरीकी शहरी मंसूर एजाज़ के ज़रीया अमरीकी हुकूमत को फ़ौज के ख़िलाफ़ पैग़ामात भिजवाने पर मुतनाज़ा होकर मुस्ताफ़ी होने की पेशकश कर चुके हैं, ताहाल पाकिस्तान जाने का कोई फ़ैसला नहीं किया।

वाशिंगटन में पाकिस्तानी सिफ़ारत ख़ाना और हुसैन हक़्क़ानी के क़रीबी ज़राए के मुताबिक़ हुसैन हक़्क़ानी को ख़दशा है कि पाकिस्तान जाने की सूरत में फ़ौजी क़ियादत उन को दुबारा अमरीका वापिस नहीं जाने देगी और उन की गिरफ़्तारी भी होसकती है।

ये अमर काबिल-ए-ज़िकर है कि कैरी लूगर बिल में फ़ौज केख़िलाफ़ मुतनाज़ा शक़ीं शामिल कराने के मुआमला में भी हुसैन हक़्क़ानी का नाम सामने आया था कि ये तमाम शक़ीं उन्हों ने अमरीकी स्नेटरस को तैय्यार करके दी थीं जबकि इस के बाद भी अमरीकी मीडीया में कई बार पाकिस्तानी फ़ौज और फ़ौजी क़ियादत के ख़िलाफ़ चलने वाले मज़मूम प्रोपगंडा मुहिम के पीछे भी हुसैन हक़्क़ानी का हाथ बताया जा रहा था। ज़राए के मुताबिक़ हुसैन हक़्क़ानी फ़ौजी क़ियादत के दबाओ पर सदर ज़रदारी के उन की पाकिस्तान तलबी को अपने लिए ट्रैप समझते हैं और उन्हें ख़दशा है कि फ़ौजी क़ियादत उन को पाकिस्तान जाने पर किसी सूरत अमरीका वापिस जाने नहीं देगी।