वरंगल, 13 फरवरी: हुज़ूरे अकरम (स.) की हयाते तय्यिबा इंसानियत के लिए मशअले राह है मुसलमान हुज़ूर अकरम (स.) के उस्वा ए हसना पर अमल करते हुए अपनी ज़िंदगीयों में तबदीली लाएं और यतीम बच्चों और अरबी दीनी मदारिस की इमदाद करते हुए दीन के क़िलों को मज़बूत बनाएं। इन ख़्यालात का इज़हार मौलाना मीर इदरीस ने किया।
इस मौक़े पर शाह नशीन पीर मौलाना सय्यद शाह हैदर हलालुद्दीन कादरी उल-मारूफ़ नवेद बाबा क़िबला सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत माशूक़ रब्बानी उर्स जागीर, शफ़ी महमूद अर्बन कोआपरेटिव बेंक, मुहम्मद शुएब और दीगर मौजूद थे। मौलाना मीर इदरीस अली एजाज़ ब्याबानी ने कहा कि रसूले करीम (स.) की वजह से ही उम्मत को इतनी फ़ौक़ियत और फ़ज़ीलत मिली है और क़यामत तक आप (स.) का फैज़ान सारी कायनात के लिए जारी रहेगा।
मुसलमानों के लिए सीरते तय्यिबा पर अमल पैरा होना ही वक़्त का तक़ाज़ा है क्योंकि तमाम मसाइल का हल उस्वा ए हसना में मौजूद है। उन्होंने कहा कि दीनी मदारिस में तालीम हासिल करने वाले बच्चों को कमज़ोर ना समझें ये अल्लाह और रसूल के मेहमान हैं। उन यतीम बच्चों पर शफ़क़त का हाथ रखते हुए अल्लाह और रसूल की ख़ुशनुदी हासिल करना चाहीए।
इस मौक़े पर सज्जादा नशीन बारगाह माशूक़ रब्बानी सय्यद शाह हैदर हलालुद्दीन कादरी उल-मारूफ़ नवेद बाबा, सय्यद शाह मुस्तफ़ा क़ादिरुल मारूफ़ कमाल पाशाह सज्जादा नशीन दरगाह सय्यद कादरी हवेली उर्स जागीर वरंगल जनाब इनामुल हक़ हाफ़िज़-ओ-क़ारी बशात अहमद के हाथों जामियतुसूफियान एल बी नगर वरंगल से हिफ़्ज़ क़ुरआन मजीद की तकमील करने वाले हाफ़िज़ मुहम्मद साजिद हुसैन, हाफ़िज़ मुहम्मद वसीम सलामी की दस्तारबन्दी की गई।
इस मौक़े पर ग़ुलाम मुहीउद्दीन प्रिंसिपल इस्लामीया डिग्री कॉलेज वरंगल, डा. मीर कौकब अली, मुहम्मद सिद्दीक़ मामनोर कैंप, मुहम्मद फ़ैज़ुद्दीन साबिक़ा कारपोरेटर, मुहम्मद मुईन और दीगर मौजूद थे। जामियतुसूफियान अल्कौसर एजुकेशनल एंड वेलफ़ेर सोसाइटी वरंगल के तहत चलाया जारहा है।