बगदल, 13 फरवरी: आस्ताना कादरया बगदल ज़िला बीदर में जलसा मीलादुन्नबी (स.) कान्फ़्रेंस बराए ख़वातीन के कसीर इजतिमा से डा. मुफ़्तिया रिज़वाना ज़रीन प्रिंसिपल जामियातुल्मोमिनात ने मुख़ातिब करते हुए कहा कि हुज़ूरे अकरम (स.) ने ख़वातीन पर अज़ीम एहसानात किए हैं। आप की तालीमात ने औरतों के मुक़ाम-ओ-मर्तबे को बुलंद किया। हज़ोर (स.) की आमद से पहले अरब में लड़कियों को ज़िंदा दफ़न किया जाता था।
हुज़ूर (स.) ने इस जहालत को दूर किया और लड़कियों की पैदाइश को रहमत क़रार दिया। मुहतरमा ने ख़वातीन पर ज़ोर दिया कि वो अपनी औलाद को हुज़ूर (स.) की तालीमात से वाक़िफ़ करवाएं और पर्दे का ख़ास ख़्याल रखें और इस्लामी तालीमात पर अमल करने से दुनिया-ओ-आख़िरत में कामयाबी हासिल होगी। कान्फ़्रेंस का आग़ाज़ जामियातुज़्ज़ोहरा बीदर की तालिबात की क़िरात, मुहतरमा कारिया नाज़ मुहम्मदी की नाते शरीफ़ से हुआ। इस कान्फ़्रेंस की सरपरस्ती मौलाना इदरीस अहमद कादरी सज्जादा नशीन ने की।
आलिमा गोसिया शाहिद मुअल्लिमा जामियातुल्मोमिनात हैदराबाद ने मोजज़ात रसूल (सा.) के उनवान पर ख़िताब करते हुए कहा कि डूबते हुए सूरज को लौटाना, चांद के दो टुकड़े करना उंगलियों के दरमियान से पानी के चश्मे जारी करना ये मोजज़ात रसूल (स.) हैं। आलिमा समीरा ख़ातून मुअल्लिमा जामियातुल्मोमिनात हैदराबाद ने शफ़ाअत के उनवान पर ख़िताब करते हुए कहा कि हुज़ूर (स.) बरोज़े क़यामत शफाअत करवाने वाले होंगे।
हुज़ूर (स.) ने मुक़ामे महमूद को मुक़ामे शफ़ाअत कहा है। मुफ़्तिया रुक़य्या फ़ातिमा मुअल्लिमा जामियातुल्मोमिनात हैदराबाद ने कहा कि हुज़ूर (स.) की सुन्नतों पर अमल करने से दुनिया-ओ-आख़िरत में कामयाबी हासिल होती है। दिल को सुकून मिलता है, रूह में ताज़गी पैदा होती है। मुहतरमा ने हुज़ूर (स.) के रोज़मर्रा की सुन्नतों को अहादीसे मुबारका के दलायल से पेश किया।
मुफ़्तिया सय्यिदा फ़रह नाज़ हाश्मी ने मीलादुन्नबी (स.) के दलायल को बताते हुए कहा कि हुज़ूर (स.) की मीलाद की ख़ुशी मनाने के मुताल्लिक़ हज़रत अबूबकर सिद्दीक़ (रज़ि०) ने फ़रमाया जो कोई हुज़ूर (स.) की पैदाइश की ख़ुशी में अगर एक दिरहम भी ख़र्च करेगा वो जन्नत में मेरा रफीक होगा। हज़रते उमर (रज़ि०) ने फ़रमाया कि जिस किसी ने भी मीलादुन्नबी की ताज़ीम की तो इस ने इस्लाम को ज़िंदा किया।
हज़रते उसमान (रज़ि०) फ़रमाते हैं कि जिस किसी ने मीलादुन्नबी की क़िरात पर एक दिरहम ख़र्च किया गोया वो ग़ज़वा ए बदर और जनीन में हाज़िर रहा। हज़रत अली (रज़ि०) फ़रमाते हैं कि जो मीलादुन्नबी की ताज़ीम करे और उस की क़िरात का सबब बने वो दुनिया से नहीं निकलेगा मगर अमान के साथ और बगैर हिसाब के जन्नत में दाख़िल होजाएगा। इस कान्फ़्रेंस में लग भग पाँच हज़ार ख़वातीन-ओ-तालिबात आंध्रा प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्रा के इलावा दीगर रियासतों से शिरकत किए। मुहतरमा कारिया अतहर जाफरी सदर मुअल्लिमा जामियातुज़्ज़ोरा बीदर के इलावा दीगर मुमताज़ ख़वातीन ने मेहमानान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की। सलाम और दुआ पर एहतिजाज इख़तेताम को पहूँचा।