नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के मुजरिम डेविड हेडली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही देते हुए बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि उसने किसी तरह के शक से बचने के लिए मुंबई में अपना एक ऑफिस खोला था और हमले से पहले लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी तहव्वुर राणा भारत आया था। हेडली ने अदालत से कहा कि तहव्वुर राणा को उसने पाकिस्तान वापस जाने को कहा था ताकि वह महफूज़ रहे। हेडली ने यह भी कहा कि तहव्वुर राणा ने मुंबई में उसे कई बार पैसे भेजे थे। उस दौरान हुए ट्रांजेक्शन की रसीद भी मिली हैं जिनमें हेडली के दस्तखत हैं। हालाँकि इसकी कोई पुख्ता सुबूत नही है।
उसने कहा कि उसने मुंबई में रेकी की और इसके बाद खुद को महफूज़ रखने के लिए साउथ मुंबई के तारदेओ इलाके में एक ऑफिस खोला। उसने कहा, \’मैंने एसी मार्केट में किराए पर ऑफिस लिया था ताकि किसी को मेरे बारे में किसी तरह का शक नहीं हो।\’ हेडली ने कहा, इशरत जहां लश्कर की खुदकश हमलावर थी गवाही के दौरान हेडली ने खुलासा करते हुए बताया कि गुजरात मेंमुबीना एनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की खुदकश हमलावर थी। बकौल हेडली उसे भारत में किसी बड़े हादसे को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। इशरत को गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे अंजाम देने में वह असफल रही।
ख्याल रहे की यह सिर्फ हेडली का बयान है हालाँकि इसकी कोई पुख्ता सुबूत नही है।