कांग्रेस हेमंत सोरेन हुकूमत को दो माह का अल्टीमेटम देगी। इस मुद्दत में तरक़्क़ी का पूरा टास्क दिया जाएगा। इसे वक़्त मुद्दत में पूरा नहीं होने पर पार्टी हुकूमत के साथ रहने और इत्तीहाद जारी रखने पर सख्त फैसला ले सकती है। गुटबाजी की चौड़ी होती दरार को पाटने के लिए रियासती इंचार्ज बीके हरिप्रसाद की बैठक में यह फैसला लिया गया।
होटल बीएनआर के बंद कमरे में चार घंटे तक चली बैठक में लोकसभा इंतिख़ाब के हारे हुए उम्मीदवार हेमंत सोरेन हुकूमत को एक दिन का भी वक़्त देने के हक़ में नहीं थे। फुरकान अंसारी ने तो साफ तौर पर कहा कि झामुमो के वोट की बुनियाद से कांग्रेस उम्मीदवारों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।
उलटे हुकूमत के खिलाफ आवाम के गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। पार्टी के रियासत कियादत के साथ मेल-मिलाप के लिए मुनक्कीद इस बैठक में आखिरकार हुकूमत के लिए कांग्रेस के एजेंडे पर हर टास्क के लिए वक़्त मुद्दत तय करने का फैसला हुआ।
इस मुद्दत में काम नहीं पूरा होने पर आईदा इंतिख़ाब में हार से बचने के लिए हुकूमत से अलग हो जाने पर मंजूरी बनी। पार्टी की तरफ से भेजे जाने वाले एजेंडे पर बैठक में बहस हुई। थोड़े मतभेदों के बाद भी तय किए मुद्दों को रियासत कांग्रेस सदर सुखदेव भगत ने भी हरी झंडी दे दी है। इनकी तौसिह फॉर्मेट अलग से तैयार की जाएगी। इसे ड्राफ्ट की शक्ल में हुकूमत को सौंपा जाएगा। कांग्रेसी वजीरों को कार्यक्रमों की एक अलग फेहरिस्त सौंपी जाएगी।