हेमा क़तल केस , अरकाने ख़ानदान को साबिक़ शौहर पर शुबा

मुंबई: मुंबई में अपने वकील हरीश के साथ मक़्तूल आर्टिस्ट ( मुसव्विर ) हेमा के अरकाने ख़ानदान ने दोहरे क़तल के इस वाक़िये में इस ( हेमा ) के अलाहदा शौहर चिन‌तन उपाध्याय पर शुबा का इज़हार करते हुए पुलिस से इस ज़िमन में तहकीकात का मुतालिबा किया। मक़्तूल ख़ातून मुसव्विर के चचाज़ाद भाई दीपक प्रसाद ने अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत करते हुए कहा कि उन्हें और उनके दीगर अरकान ख़ानदान को हेमा और उनके 65 साला वकील हरीश भमभानी के दोहरे क़तल की साज़िश में चिनतन उपाध्याय के सरगर्म रोल का शुबा है।

प्रसाद ने ये भी कहा कि कलीदी मुल्ज़िम विद्याधर राजयार और इस के आदमियों को हेमा और इस के वकील के क़तल की असल वजह पाँच लाख रुपये का तनाज़ा नहीं है क्यों कि हेमा ने माली मदद के तौर पर विद्या धर को माज़ी में रक़म दी थी और इसकी वापसी के लिये कभी इसरार नहीं किया था।

दीपक ने इल्ज़ाम आइद किया कि चिनतन ने चंद साल क़बल हेमा को क़तल करने की धमकी देते हुए कहा था कि वो इस मक़सद के लिये किसी भी हद तक पहूंच सकता है। इस दौरान पुलिस ने कहा कि नाश की शनाख़्त के फ़ौरी बाद पुलिस ने मक़्तूल के रिश्तेदारों का बयान कलमबंद किया था ताकि उनके मौक़िफ़ से वाक़फ़ियत हासिल करसके।

तहकीकात से वाबस्ता एक ओहदेदार ने कहा कि हर केस की तरह इस केस में भी मुतवफ़्फ़ी के ब्यानात लिये गए। हेमा के रिश्तेदारों ने चिन‌तन पर क़तल की साज़िश का इल्ज़ाम आइद किया था। हेमा के रिश्तेदारों के ब्यानात की बुनियाद पर दोहरे क़तल केस के ज़मानत में लगातार चार दिन तक चिनतन से तफ़सीली पूछगिछ की गई।

पुलिस ने कहा है कि हेमा का साबिक़ शौहर इस केस में हनूज़ मुश्तबा है लेकिन क़तल के मुहर्रिकात हुनूज़ वाज़िह नहीं हो सके हैं। मफ़रूर मुल्ज़िम विद्या धर की गिरफ़्तारी और पूछगिछ के बाद ही इस केस में जनतन के मुलव्विस होने य ना होने के बारे में कोई वाज़िह इशारा मिल सकता है। 43 साला ख़ातून मुसव्विर हेमा और इस के 65 साला वकील हरीश भमभानी की नाशें 12 दिसम्बर को मुंबई के मज़ाफ़ाती इलाक़े कंडे वैली के एक गटर से दस्तयाब प्लास्टिक से लिपटे हुए दो कार्ड बोर्ड बक्सों से बरामद हुई थीं।