एक रिसर्च के जरिए यह साफ हो गया है कि याददाश्त को बरकरार रखने के लिए नींद बहुत खास भूमिका निभाती है। अच्छी सेहत के लिए 6 से 8 घंटे तक सोना इंसान के लिए बहुत जरुरी है और अगर आप अपने काम के शैड्यूल या फिर अपनी अन्य आदतों को नींद पर हावी कर रहे हैं तो अभी से खबरदार हो जाएँ क्योंकि पांच घंटे तक की कम नींद आपकी याददाश्त को कमजोर कर सकती है।
यह अध्ययन दिमाग के एक हिस्से हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच जुड़ाव न हो पाने पर केंद्रित है जिसका सीधा ताल्लुक सीखने और याददाश्त के साथ है। इसलिए कम सोने का याददाश्त पर कैसा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इस बात का अंदाजा आप नहीं लगा सकते। अभी तक तो यही माना जाता रहा है तंत्रिका कोशिकाओं को पारस्परिक सिग्नल पास करने वाली सिनैपसिस-स्ट्रक्चर के संयोजन में बदलाव होने से भी याददाश्त पर असर पड़ सकता है। लेकिन इस परिक्षण में डेनड्राइट्स के स्ट्रक्चर पर पड़ने वाले कम नींद के प्रभाव को जांचा गया।