हेल्थ: किडनी में पथरी होने के सांकेतिक लक्षण

कोलकाता। पथरी बड़ी हो जाए तो मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर देती है। किडनी में खास तरह के साल्ट्स का जमा होने से बनती है पथरी। लगातार और दर्द के साथ पेशाब आना होता है इसका प्रमुख लक्षण। स्टोन के कारण नलिकाएं अवरुद्ध हो जाने पर हो सकती है उल्टियां।

आजकल पथरी रोग लोगों में एक आम समस्या बनता जा रहा है। इस समस्या के पीछे काफी हद तक जीनवशैली से जुड़ी अनियमितताएं ज़िम्मेदार होती हैं जैसे, ग़लत खान-पान व जरुरत से कम पानी पीने से भी गुर्दे की पथरी का निर्माण होता है। गुर्दे की पथरी सबसे अधिक होती है, जिसके प्रारंभिक चेतावनी संकेत भी हमें मिलते हैं। इस समस्या से बचने के लिए सबसे ज़रूरी होता है इन संकेतों को पहचानना और समय से इसका उपचार कराना। तो चलिये जानते हैं क्या हैं गुर्दे की पथरी के ये प्रारंभिक चेतावनी संकेत।

दरअसल गुर्दे की पथरी एक मूत्रतंत्र रोग है जिसमें गुर्दे के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोरता बन जाती हैं, जिन्हें पथरी कहा जाता है। आमतौर पर यह ये पथरियां मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं। कई लोगों में पथरियां बनती हैं और बिना अधिक तकलीफ के निकल भी जाती हैं, लेकिन यदि पथरी बड़ी हो जाए तो मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर देती है। इस स्थिति में मूत्रांगो के आसपास असहनीय दर्द होता है। मधुमेह रोगियों में को गुर्दे की पथरी होने की ज्यादा सम्भावना रहती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, पथरी का कारण अधिकतर किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा हो जाना होता है। इसमें सबसे पहले स्टोन का छोटा खंड (निडस) बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की आशंका ज़्यादा होती है। इसके पथरी के कई जेनेटिक कारण, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या भी हो सकती हैं।

गुर्दे की पथरी से पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है, जो कुछ मिनटो या घंटो तक बना रह सकता है। इसमें दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं मूत्र में रक्त भी आ सकता है।

चलिये विस्तार से जानें इसके संकेत-
गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोग अक्सर लगातार या दर्द के साथ पेशाब आने की शिकायद करते हैं। ऐसा तब होताहै जब गुर्दे की पत्थरी मूत्रमार्ग में मूत्राशय से चली जाती है। ये स्थआनांतरण बेहद दर्दनाक होता है और यह अक्सर मूत्र पथ के संक्रमण (यूरिनरी ट्रेक्ट इंफैक्शन) का कारण भी बनता है।

गंभीर दर्द होना गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोगों के लिए एक आम समस्या है, विशेषकर कमर और कमर के निचले हिस्से में (ठीक पसलियों के नीचे जहां गुर्दे स्थित होते हैं)। दर्द पेट के निचले हिस्से से पेट और जांध के बीच के भाग में जा सकता है। यह दर्द तीव्र होता है और तंगों की तरह उठता है।

गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोगों का मूत्र अक्सर गुलाबी, लाल या भूरे रंग का आना लगता है। जैसा कि स्टोन के बढ़ने और मूत्रमार्ग ब्लॉक हो जाता है, किडनी में पथरी वाले लोगों के मूत्र में रक्त के टिग्नेस आ सकते हैं।

पेट में गड़बड़ महसूस करना और मिचली आना किडनी स्टोन का संकेत हो सकता है और इसमें उल्टियां भी हो सकती हैं। उल्टियां दो कारणों से आती हैं, पहला कारण स्टोन के स्थानांतरण के कारण होना वाला तीव्र दर्द तथा दूसरा इ सलिए क्योंकि गुर्दे शरीर के भीतर की गंदगी (टॉक्सिक) को बाहर करने में मदद करते हैं और जब स्टोन के कारण अवरुद्ध हो जाते हैं तो इन टॉक्सिकों को शरीर से बाहर निकालने के लिए उल्टी ही एकमात्र रास्ता बचता है।

ज़रूरत से कम पानी पीने व फैट और कार्बोहाइड्रेट युक्‍त आहार अधिक खाने से भी किडनी स्‍टोन की समस्‍या होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि गुर्दे में पथरी की समस्‍या से ग्रसित मरीजों में 30 फीसदी 25 से 35 वर्ष की आयु वाले होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलाता है कि युवाओं में खाने के साथ पानी की बजाय सॉफ्ट ड्रिंक लेने का चलन बढ़ा है। जिसका स्वास्थ्य उनके पर विपरीत असर पड़ता है और लोग कम उम्र में ही किडनी स्‍टोन की समस्‍या से ग्रसित हो जाते हैं। चॉकलेट और जंक फूड का अधिक इस्‍तेमाल से भी यह समस्‍या बढ़ती है।
Courtsey- onlymyhealth.com