हैकिंग मामला : 35 रूसी राजनयिकों को बराक ओबामा ने अमेरिका छोड़ने का आदेश दिया

अमेरिका ने ई-मेल्स हैकिंग मामले में रूस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 अधिकारियों को परिवार सहित तीन दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया. उन पर राजनयिक जिम्मेदारियों से उलट काम करने का आरोप लगा है. हालांकि अधिकारियों ने इससे इनकार किया है. अमेरिका ने दो रूसी संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. काफी समय से यह चर्चा गर्म है कि रूसी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की. रूस पर आरोप है कि उसने चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के साथ-साथ हिलेरी क्लिंटन के भी कई ई-मेल्स हैक करवाए.

बराक ओबामा के कार्यकाल का यह आखिरी महीना है. हवाई में छुट्टियां बिता रहे राष्ट्रपति ने कहा, ‘सभी अमेरिकियों को रूस की गतिविधियों को लेकर सचेत रहना चाहिए. अक्टूबर में हमारी जानकारी में यह बात आई थी कि रूस राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश में है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले एक साल के दौरान मास्को स्थित अमेरिकी अधिकारियों को रूसी सुरक्षा सेवा और पुलिस द्वारा परेशान किया गया.’ ओबामा ने रूसी राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि रुसी एजेंसी द्वारा हैकिंग की घटना को शीर्ष नेतृत्व की अनुमति के बिना अंजाम नहीं दिया जा सकता.

इस महीने की 16 तारीख को बराक ओबामा ने चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करने वाली विदेशी सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, ‘अमेरिका यह कार्रवाई करेगा लेकिन, समय और जगह का चुनाव वह खुद करेगा.’ इससे पहले व्हाइट हाउस ने हैकिंग मामले में पुतिन के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) ने भी कहा था कि उनके पास इस मामले में रूस के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. हालांकि, निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगे आरोपों को बेतुका बताया है. यही नहीं, उन्होंने ओबामा पर सत्ता हस्तांतरण की राह में रोड़े अटकाने का भी आरोप लगाया है.