हैदराबाद 30 अप्रैल: के बाबू राव अल-मारूफ़ अबदुर्रहमान ने इदारा सियासत के ज़ेरे एहतेमाम क़ायम किए गए कपड़ा बैंक की इफ़्तेताही तक़रीब से ख़िताब के दौरान नबी करीम सल्लललाहु अलैहि वसल्लम की तालीमात के हवाले से एक वाक़िया पेश किया जिसमें नबी सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने ईद-उल-फ़ित्र के मौके पर एक यतीम मासूम लड़के को अपने घर ले जाकर बीबी फ़ातिमा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से कहा कि इस बच्चे को नहलाकर तैयार करें और कपड़े पहनाईं जिस पर बीबी फ़ातिमा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा ने ना सिर्फ इस बच्चे को नहलाया तैयार किया बल्के एसे कपड़े पहनाए जैसे अपने बच्चों हुसैन हसन रज़ी अल्लाहु तआला अनहु को पहनाए थे।
बाबू राव की इस तक़रीर को शुरका ने काफ़ी पसंद किया। उन्हों ने कहा कि ज़ाहिद अली ख़ान एडिटर सियासत ख़िदमत का ताज हैं और आज कपड़ा बैंक के क़ियाम से इस ताज में एक और हीरा लग चुका है। बाबू राव अबदुर्रहमान ने अपनी तकरीर के दौरान मुसलमानों से अपील की के वो अपने ज़रूरतमंद भाईयों की मदद और इन्सानियत की ख़िदमत करें।
एडिशनल डीसीपी साउथ ज़ोन ने बताया कि इस्लाम की बुनियाद इन्सानियत है और इज़हार इन्सानियत के लिए ख़िदमत लाज़िमी है इन्सानियत के फ़रोग़ के लिए काम करना हर शख़्स की ज़िम्मेदारी है।बाबू राव ने बताया कि शहरयाने हैदराबाद ख़ुश-क़िस्मत हैं कि इन की तकालीफ़ को दूर करने हैदराबाद में सियासत जैसा इदारा मौजूद है।
उन्होंने पुराने शहर की ग़ुर्बत का तज़किरा करते हुए कहा कि पुराना शहर ग़ुर्बत के लिए मशहूर होता जा रहा है लेकिन जब शहर के इस ख़ित्ता में तालीम को फ़रोग़ हासिल होगा तो ग़ुर्बत का ख़ातमा मुम्किन हो सकेगा। उन्हों ने ज़ाहिद अली ख़ां की ख़िदमात की तारीफ करते हुए कहा कि वो हर महाज़ पर ज़रूरतमंदों की मदद कर रहे हैं जिसे देखकर उन्हें बहुत ख़ुशी हो रही है। उन्हों ने इस्लामी तालीमात का तज़किरा करते हुए कपड़ा बैंक में अतीया देने वालों को मश्वरा दिया कि वो कपड़ा बैंक में इन ही कपड़ों का अतीया दें जो अपने लिए पसंद करते हैं चूँकि इस्लामी तालीमात के मुताबिक़ अपने भाई के लिए वही पसंद करना है जो अपने लिए पसंद किया जाता है।