हैदराबाद: शहर की परिवार अदालतों में तलाक के पांच मामले हर रोज़ दर्ज किये गये हैं जिसकी वजह से पिछले 30 दिनों में 152 मामले दर्ज हुए हैं|
12 साल से फैमिली कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहीं एम प्रमीला ने बताया कि 2016 में लगभग 3,000 मामले दर्ज हुए थे| लेकिन कुछ दिनों से कोर्ट में तलाक के मामले दर्ज होने में बहुत तेज़ी आई है | उन्होंने बताया कि ज़्यादातर मामले आईटी सेक्टर के लोगों के हैं | उन्होंने कहा कि कई साल से तलाक के मामले आम हो गये हैं लेकिन अब इनकी संख्या आसमान छू रही है |
कोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि शहर में तलाक के आवेदनों की संख्या दोगुनी तीन गुनी हो गयी है | उन्होंने कहा कि इन मामलो के बढ़ने के कुछ कारण घटते संयुक्त परिवार और महिलाओं की मनोवैज्ञानिक और वित्तीय स्वतंत्रता का बढ़ना भी है | उन्होंने कहा कि देर से शादी होना भी इसकी एक वजह है| उन्होंने बताया कि दोनों कमाते हैं और पैसा ही उनका प्राइम फोकस बन गया है | एक दूसरे को वक़्त देने और अपनी सेहत पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है और जिसकी वजह से स्वास्थ्य, हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है | गर्भ धारण करने में असमर्थ होने की वजह भी तलाक का कारण बनती है |
प्रमीला ने कहा कि कुछ मामलों में पतियों द्वारा अपनी पत्नी के फ़ोन, उनके लॉगइन टाइम को चेक करना, शक करना ये वजह भी तलाक का कारण बनी हैं |उन्होंने बताया कि वकीलों और कोर्ट द्वारा नियुक्त स्पेशल काउंसलर द्वारा कपल्स की काउंसलिंग के बाद सिर्फ़ 10 परसेंट कपल्स ने दुबारा साथ रहने का फ़ैसला किया | हालाँकि उनके माइंड को चेंज करना बहुत मुश्किल था |