हैदराबाद 08 जनवरी: किसी काबिल फ़र्द की अगर हिम्मतअफ़्ज़ाई हो तो उस के लिए अच्छा मक़सद हासिल करना आसान होजाता है। फरहीन कौसर का मुआमला एसा ही है जिनकी क़ाबिलीयत के पेश-ए-नज़र उनके अफ़रादे ख़ानदान ने हिम्मतअफ़्ज़ाई की और ये लड़की जूनियर डीवीझ़न के जज का इमतेहान कामयाब हो गई।
फरहीन ने सिविल जज के हालिया इमतेहानात में कामयाबी हासिल की है। फरहीन कौसर का ताल्लुक़ शहर के मारूफ़ तिजारती घराने से है जहां अब फरहीन के दो जज हो गए हैं। उनके बड़े भाई भी जज हैं। फरहीन के वालिद मुहम्मद अबदूर्रज़्ज़ाक़ ने जो रज़्ज़ाक़ इंटरप्राइजेस के मालिक हैं, अपनी बेटी की कामयाबी पर ख़ुशी का इज़हार किया और कहा कि जो ख़ाब उन्होंने देखा था, अल्लाह ने उसे पूरा कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें जो तवक़्क़ुआत अपनी बेटी से वाबस्ता थीं, उन तवक़्क़ुआत पर उनकी होनहार लड़की उतरी। फरहीन ने सुल्तान उल उलूम एजूकेशनल सोसाइटी के ज़ेरे इंतेज़ाम ग़ुलाम अहमद कॉलेज आफ़ ला से क़ानून की तालीम पाई।
उस्मानिया यूनीवर्सिटी से गोल्ड मेडल हासिल किया। फरहीन के वालिद अबदूर्रज़्ज़ाक़ ख़ुद भी क़ानून की तालीम में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और वो क़ानून में पी एचडी कर रहे हैं। अबदूर्रज़्ज़ाक़ का कहना है कि मेडिसन और ला दो एसे शोबे हैं जो इन्सान के मरने तक उस के काम आते हैं। ये दूसरों के मददगार बनते हैं।
उन्होंने बताया कि समाज की ख़िदमत और शहरीयों की मदद-ओ-इन्साफ़ रसानी के शोबे में नुमाइंदगी की ग़रज़ से उन्होंने अपने बच्चों को तालीम दिलाई और उनके बच्चे तवक़्क़ो से ज़ाइद नताइज हासिल करने में कामयाब हुए।
अबदूर्रज़्ज़ाक़ के बड़े फ़र्ज़ंद जूनियर सिविल जज अबदुलजलील विशाखापटनम में ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं जिन्हों ने इंजीनीयरिंग की तालीम के बाद एमएस किया और फिर ला करने के बाद जूनियर सिविल जज के इमतेहान में कामयाब हुए।
उनकी छोटी लड़की मेडिसन में एमडी है और वो ला की तालिबा भी रही। अबदूर्रज़्ज़ाक़ ने वालिदैन को हिदायत दि के वो बच्चों की हमेशा हिम्मतअफ़्ज़ाई करते रहें और उनकी ज़िंदगीयों से हम-आहंग होजाएं, अच्छे दोस्त की तरह उनकी तर्बीयत करें और उन्हें फ़ैसले लेने में मदद करें। उन्होंने मिल्लत की तालीम-ए-याफ़ता नौजवान नसल को हिदायत दि के वो सरकारी मुलाज़मतों के हुसूल पर तवज्जा दें ताकि मुल्क-ओ-मिल्लत की बेहतर अंदाज़ में ख़िदमत की जा सके।