हैदराबादी रबात में आज़मीन के क़ियाम को यक़ीनी बनाने के इक़दामात

जारीया साल हज के मौक़ा पर मक्का मुकर्रमा की हैदराबादी रबात में तेलंगाना के आज़मीन के क़ियाम को यक़ीनी बनाने के लिए महकमा अक़लीयती बहबूद ने मसाई का आग़ाज़ किया है। स्पेशल सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद सैयद उमर जलील ने मक्का मुकर्रमा की रबात के मौजूदा मौक़िफ़ और इस में रिहायश की गुंजाइश के बारे में जद्दा में हिंदुस्तानी कौंसिल जेनरल से रब्त क़ायम किया।

कौंसिल जेनरल जद्दा ने इत्तिला दी कि हैदराबादी रबात में जारीया साल आज़मीने हज के क़ियाम की गुंजाइश मौजूद है क्योंकि तौसीअ हरम के सिलसिले में जारी इन्हिदामी कार्यवाईयों में ये इमारत शामिल नहीं। उन्हों ने बताया कि जारीया साल इस इमारत के इन्हिदाम का इमकान नहीं है ताहम आइन्दा साल ये इमारत तौसीई कामों के तहत मुनहदिम की जा सकती है।

रबात में आज़मीन के क़ियाम के इमकानात को देखते हुए महकमा अक़लीयती बहबूद ने नाज़िर रबात और औक़ाफ़ कमेटी निज़ाम से मुशावरत के ज़रीए क़ुरआ अंदाज़ी करने का फ़ैसला किया है। नाज़िर रबात ने भी इस सिलसिला में मुकम्मल तआवुन का यक़ीन दिलाया और हैदराबाद दौरा से इत्तिफ़ाक़ किया है।

अलग़र्ज़ फ़रीक़ैन में तात्तुल के ख़ात्मा के बाद ही हैदराबादी रबात में तेलंगाना के आज़मीन का क़ियाम यक़ीनी हो पाएगा। गुज़िश्ता दो साल से आज़मीन रबात की सहूलत से इस्तिफ़ादा नहीं कर सके क्योंकि नाज़िर रबात और औक़ाफ़ कमेटी के दरमयान तनाज़ा की यक्सूई नहीं हो सकी।