हैदराबाद इंटरनेशनल एरपोर्ट के लिए शहीद करदा मस्जिद उम्र फ़ारोक़ की तामीर का क्या हुआ?

राजीव गांधी इंटरनेशनल एरपोर्ट जी एम आर ग्रुप चलाता है, इस ग्रुप के बारे में मुसाफ़रेन में इस बात पर ब्रहमी पाई जा रही हैके मुसाफ़रेन को मुनासिब सहूलतें फ़राहम ना किए जाने के बावजूद मुल्क के तमाम एरपोर्टस से कई गुना ज़्यादा यूज़र डेवलपमेंट फीस (युडी एफ) यह यूज़र चार्जस वसूल किए जा रहे हैं और ज़रूरत मंद मजबूर मुसाफ़रेन एरपोर्ट इंतेज़ामीया के इस ज़ुलम को बर्दाश्त कर रहे हैं लेकिन होशमंद और ज़िम्मेदार शहरियों ने अब जी एम आर ग्रुप की ज़ोर ज़बरदस्ती के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का फैसला किया है ताकि जी एम आर और उनके ग्रुप को इस बात का एहसास हो कि अवाम के बिना कोई इदारा नहीं चल सकता।

क़ारईन शहर से सिर्फ़ 24 ककिलो मीटर के फ़ासले पर 2005 में राजीव गांधी इंटरनेशनल एरपोर्ट की तामीर का आग़ाज़ हुआ , दरअसल इस एरपोर्ट की तामीर के पीछे एक बहुत बड़ा सयासी खेल और अरबों रूपयों की मुआमलत पोशीदा थी।

साथ ही हुज़ूर निज़ाम नवाब मीर उसमान अली ख़ां बहादुर की तरफ से तामीर करदा बेगम पेट एरपोर्ट को हमेशा हमेशा के लिए मंज़रे आम से हटाना भी इस का मक़सद था।

चुनांचे मुफ़ादात हासिला को इन मक़ासिद में कामयाबी हासिल हुई। राजीव गांधी इंटरनेशनल एरपोर्ट जिसे दुनिया भर में हैदराबाद इंटरनेशनल ए रिपोर्ट की हैसियत से जाना जाता है , दरअसल इस एरपोर्ट पर मुसलमानों के बेशुमार एहसानात हैं।

5400 एकड़ ज़मीं यानी 26,17,9200 मरब्बा गज़ ज़मीं पर ये एरपोर्ट तामीर किया गया और इस में दरगाह हज़रत बाबा शरफ़ उद्दीन (RH) की तकरीबन 1060 एकड़ 5130400 मरब्बा गज़ मौक़ूफ़ा ज़मीं भी शामिल है लेकिन जी एम आर ग्रुप ने कीमती मौक़ूफ़ा ज़मीं हासिल करने के बावजूद मुसलमानों से एहसानफ़रामोशी करते हुए इस ज़मीं पर मौजूद मस्जिद हज़रत उम्र फ़ारोक़रज़ी अल्लाहु तआला अनहु इस से मुत्तसिल ईदगाह और क़ब्रिस्तान को शहीद करदिया।