हैदराबाद: उर्दू दां को कन्नड़ सिखाने के लिए मुस्लिम डेवलपमेंट फॉर्म की नई पहल

गुलबर्गा: हैदराबाद कर्नाटक को उर्दू की भूमि कहा जाता है। यहाँ के मुसलमान अंग्रेजी में तो महारत रखते ही हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कन्नड़ बहुत ही कम जानते हैं। शायद इसी वजह से सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का अनुपात कम है। इसी कमी को दूर करने के उद्देश्य से हैदराबाद कर्नाटक मुस्लिम डेवलपमेंट फॉर्म की ओर से गुलबर्गा में उर्दू दां को कन्नड़ सिखाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े लोग यहाँ साहित्य सीख रहे हैं। ज़िम्मेदारों के अनुसार पहला बैच की समाप्ति के साथ ही दूसरा बैच शुरू होगा।

डॉक्टर मकबूल अहमद सगरी का कहना है कि हमारे पास कई मरीज आते हैं, जिन की मातृभाषा कन्नड़ होती है। कुछ मुसलमान भी कन्नड़ बोलते हैं। उन्हें समझने में हमें तकलीफ होती है।

इसके अलावा सरकारी पोस्ट भी कन्नड़ में होती हैं, जिसका जवाब भी कन्नड़ में ही देना होता है। यहां आने के बाद मुझे काफी कुछ सीखने को मिला।
डॉक्टर सईदा नुजहत प्रवीण के अनुसार अभ्यास के दौरान जब मरीज कन्नड़ में बोलते हैं, तो हमें कुछ भी समझ में नहीं आता था। इसलिए हमने सोचा कि हमें भी कन्नड़ सीखना चाहिए। यहां आकर मुझे काफी फायदा हुआ है।

वहीं सरकारी शिक्षक कौसर फातिमा ने बताया कि हमारे प्रशिक्षण कक्षाएं कन्नड़ में ही होती हैं, जिसकी वजह से हम और अधिक समझ नहीं पाते। यहां आकर काफी कुछ सीखा हूँ।

उधर हैदराबाद कर्नाटक मुस्लिम डेवलपमेंट फॉर्म के कन्वेनर मोहम्मद मेराजुद्दीन का कहना है कि समाजी जिंदगी हो, कारोबार हो या सरकारी नोकरी, कन्नड़ भाषा हमारे लिए बहुत ज़रूरी है, हैदराबाद कर्नाटक की जनता के लिए हमने यह छोटी सी कोशिश की है। उनके अनुसार उलेमा को कन्नड़ सिखाने के लिए विशेष व्यवस्था करना भी एजेंडे में शामिल है।