तेलंगाना के डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर-ओ-वज़ीरे रेवेंयू मुहम्मद महमूद अली ने कहा हैके चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव ने आलमी शौहरत-ए-याफ़ता तारीख़ी शहर हैदराबाद की अज़मत रफ़्ता बहाल करते हुए उस को तमाम असरी बलदी सहूलतों से आरास्ता करते हुए बैन-उल-अक़वामी मयार का शहर बनाने का फ़ैसला करलिया है।
चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव की तरफ़ से सेक्रेट्रियटमें तलब करदा जायज़ा मीटिंग में शिरकत के बाद मीडीया प्वाईंट पर अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर ने 2050 तक शहरे हैदराबाद में होने वाली तरक़्क़ी को मल्हूज़ रखते हुए एक जामि मंसूबा मुरत्तिब करने का हुक्म दिया है।
महमूद अली ने कहा कि 2011 की मर्दुमशुमारी में हैदराबाद की आबादी 79 लाख बताई गई थी जो अब एक करोड़ के क़रीब पहूंच गई है। चंद दहाईयों के दौरान हैदराबाद की तरक़्क़ी के साथ उसकी आबादी दो करोड़ तक पहूंच जाएगी।
चुनांचे बलदी मसाइल में भी इज़ाफ़ा होगा जिस से निमटने के लिए एक दौर अंदेश बसीरत पर मबनी नज़रिया के साथ एक मंसूबा तैयार करने और इस पर अमल करने की ज़रूरत होगी। महमूद अली ने कहा कि के चंद्रशेखर राव ने मीटिंग में खासतौर पर मिसाल देते हुए कहा कि साबिक़ निज़ाम हैदराबाद नवाब मीर उसमान अली ख़ां ने जिस दौर अंदेशी के साथ शहर में सड़क, आ बरसानी, बिजली और दुसरे बलदी सहूलतों की फ़राहमी का मंसूबा बनाया था, 60 साल गुज़रने और आबादी में कई गुना इज़ाफ़ा होने के बावजूद ये मंसूबा आज भी कारगर है।
शहर में आज भी कई सड़कयों, डरेंज और आबरसानी लाईन आसिफ़ जाहि दोर की हैं जो अच्छी तरह काम कररही हैं। हमें भी ऐसे ही मंसूबा पर काम करना होगा।