हैदराबाद की आलमी शौहरत को ख़तरा तारीख़ी इमारतें नजरअंदाज़

हैदराबाद 10 मई: हैदराबाद को हासिल आलमी शौहरत ख़तरे में है? शहरे हैदराबाद में मौजूद तहज़ीबी-ओ-सक़ाफ़्ती विरसा आलमी सय्याहों की दिलचस्पी का बाइस नहीं है? चारमीनार क़िला गोलकोंडा गुम्बदान क़ुतुब शाही के अलावा शहरे हैदराबाद में कई एक एसी तारीख़ी इमारतें मौजूद हैं जिन्हें शहरे हैदराबाद की शान तसव्वुर किया जाता है।

चारमीनार तारीख़ी मक्का मस्जिद के साथ सालार जंग म्यूज़ीयम को काफ़ी एहमीयत हासिल है और ये टूरिस्टें के लिए इंतेहाई दिलचस्पी के मुक़ामात हैं लेकिन आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया की तरफ से हिंदुस्तान के 86 मुक़ामात की फ़हरिस्त तैयार की गई है जो के सय्याहों को मश्वरे के तौर पर जारी की जाएगी।

महिकमा आसारे क़दीमा की इस फ़हरिस्त में ना सिर्फ हैदराबाद बल्के रियासत तेलंगाना के किसी भी तारीख़ी मुक़ाम का नाम शामिल नहीं रखा गया है जबकि रियासत आंध्र प्रदेश के तहज़ीबी विरसा नागरजुना कंडा का नाम इस फ़हरिस्त में शामिल किया गया है।

आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया की तरफ से तैयार करदा इस फ़हरिस्त में शहरे हैदराबाद-ओ-रियासत तेलंगाना के किसी तहज़ीबी विरसा को शामिल ना किए जाने पर हैरीटेज इमारतों के तहफ़्फ़ुज़ के फ़रोग़ के लिए ख़िदमात अंजाम देने वाली तन्ज़ीमों में ब्रहमी पाई जाती है और बाज़ गोशों की तरफ से Must See की इस फ़हरिस्त में तेलंगाना के किसी भी तहज़ीबी विरसा को शामिल ना किए जाने को साज़िश के तौर पर देखा जा रहा है।

हुकूमत तेलंगाना अगर फ़ौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए मर्कज़ी हुकूमत को मुतवज्जा करवाती है तो एसी सूरत में शहर के कई तहज़ीबी-ओ-सयाहती मुक़ामात को इस फ़हरिस्त में शामिल किया जा सकता है जिसके ज़रीये आलमी सय्याहों को मश्वरह दिया जा रहा है।