हैदराबाद की मुस्लिम महिला ने सुषमा से लगाई गुहार, मेरे बेटे को सऊदी की जेल से छुड़वा दो

हैदराबाद। मलकपेट निवासी हूरूननिस्सा ने पिछले करीब साढ़े चार महीने से लूट के आरोप में रियाद की वादी अल दावासर जेल में बंद अपने बेटे मोहम्मद मंसूर हुसैन की रिहाई के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। गौरतलब है कि उस पर लूट का आरोप लगाया गया है और सजा के तौर पर 300 कोड़े एवं एक साल की जेल है।

सुषमा स्वराज को 31 दिसंबर को भेजे पत्र में हूरूननिस्सा ने कहा है कि गत वर्ष 25 अगस्त के दिन उसके बेटे के जीवन में भूचाल सा आ गया। वह रियाद स्थित अब्देल हादी अब्दल्लाह अल कहतानी एंड संस नामक कंपनी में 2013 से मार्केटिंग ऑडिटर के तौर पर काम कर रहा था।वह कंपनी के 1,06,000 सऊदी रियाल बैंक में जमा करने गया था कि जब वह बैंक पहुंचा तो वहां दो लोग उससे मुखातिब हुए। इसी बीच इनमें से एक ने हथियार तान दिया और पैसे से भरा बैग देने की मांग करने लगे। उन्होंने बैग छीन लिया और बिना नंबर की कार में फरार हो गए।

इस घटना कस सम्बन्ध में जब आफिस में बताया तो उसके बॉस ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी। जब उसका पुत्र पुलिस स्टेशन पहुंचा तो उसी को लूट के आरोप में हिरासत में ले लिया गया जबकि उसने कोई गुनाह किया ही नहीं। पत्र में हूरूननिस्सा ने कहा है कि उसका बेटा बेगुनाह है लेकिन वहां की पुलिस उसकी बातों पर विश्वास नहीं कर रही है।

हूरूननिस्सा ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया कि हाल ही उसने जेल में बंद अपने बेटे से बात की थी तथा फैसले की प्रति पर हस्ताक्षर करने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया। उसका कहना था कि जब गुनाह किया ही नहीं है तो क्यों दस्तखत करे। साथ ही कहा कि जेल में उसको धमकाया जा रहा है। हूरूननिस्सा को छह बच्चे हैं जिसमें हुसैन से बड़ी एक बेटी है और चार भाई हैं।

एमबीए करने के बाद हुसैन ने हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी में आठ महीने काम किया था तथ्य जॉब वीज़ा मिलने के बाद वह सऊदी अरब चला गया था। हुसैन के मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी नत्थी किये हैं। हूरूननिस्सा ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि घटना का कोई चश्मदीद भी नहीं है और वहां सीसीटीवी भी नहीं था ऐसे में वह कैसे अपने बेटे का बेगुनाह साबित करे।