सीमा आंध्र के महिकमा बर्क़ी मुलाज़मीन की जुमेरात से शुरू हुई 72 घंटों की हड़ताल के बाइस रियासत में बर्क़ी पैदावार और सरबराही बुरी तरह मुतास्सिर हुई है।
हैदराबाद और सिकंदराबाद के अवाम को बर्क़ी कटौती का सामना करना पड़ रहा है। आंध्र प्रदेश की तक़सीम के ख़िलाफ़ एहतेजाज करने वाले सीमा आंध्र मुलाज़मीन से इज़हार यगानगत करते हुए बर्क़ी मुलाज़मीन ने भी 72 घंटों की हड़ताल का एलान किया है।
सीमा आंध्र के 13 अज़ला में तक़रीबन 30 हज़ार मुलाज़मीन ने निस्फ़ शब से हड़ताल का आग़ाज़ किया दुसरे 20 हज़ार कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स ने भी इस हड़ताल में हिस्सा लिया।
हड़ताल के बाइस 7196 मैगावाट बर्क़ी पैदावार मुतास्सिर होगी और इस से जुनूबी ग्रिड ठप होजाएगा। इस ग्रिड से जुनूबी रियास्तों आंध्र प्रदेश ,तमिलनाडु ,कर्नाटक और केराला को बर्क़ी सरबराह की जाती है।
हड़ताल का पहले ही आग़ाज़ होचुका है जिस से रियासत के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में जुमेरात से ही बर्क़ी कटौती का सामना है। हैदराबाद के बाअज़ इलाक़ों में तीन ता चार घंटों की बर्क़ी कटौती की गई है।
चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर ने ये दावे किया था कि मुलाज़मीन के यूनियनों ने 16 सितंबर तक हड़ताल मुल्तवी करने से इत्तिफ़ाक़ किया है इस दावे के चंद घंटों के अंदर ही सीमा तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी इम्पलाइज़ जवाइंट एक्शण कमेटी ने 72 घंटों की अलामती हड़ताल का एलान कर दिया।
जय ए सी क़ाइदीन ने धमकी दी हैके अगर मर्कज़ ने अलहदा रियासत तेलंगाना के क़ियाम के अमल को नहीं रोका तो वो ग़ैर मुअयना मुद्दत की हड़ताल शुरू करेंगे।
यूनियनों ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से मुतालिबा किया कि वो तेलंगाना के क़ियाम के लिए 30 जुलाई को किए गए फ़ैसले को वापिस लें ।इसी दौरान ज़िला कृष्णा में हड़ताल के बाइस आम ज़िंदगी मफ़लूज रही।
कई सरकारी दफ़ातिर बंद रही । सड़कें सुनसान नज़र आई यहां का बंद पुरअमन रहा । वजय्वाड़ा में भी गर्वनमैंट इम्पलाइज़ जय ए सी ने भी 20 सितंबर को शहर में आंध्र प्रदेश बचाओ रियाली निकालने का एलान किया है।
हैदराबाद में 7 सितंबर को मुनाक़िदा आंध्र प्रदेश बचाओ रियाली के बाद इसी तरह की रियाली सीमा आंध्र के अज़ला में मुनाक़िद करने का फ़ैसला किया है।