हैदराबाद को दिल्ली की तर्ज़ पर फ़रोग़ मुम्किन : दिग्विजय सिंह

सीनियर कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हैदराबाद शहर को जो आइन्दा दस साल तक के लिए तेलंगाना और आंध्रा का मुशतर्का दार-उल-हकूमत रहेगा दिल्ली की तर्ज़ पर फ़रोग़ दिया जा सकेगा, जहां ला ऐंड आर्डर की बरक़रारी मर्कज़ी हुकूमत की ज़िम्मेदारी है।

दिग्विजय सिंह ने जो कुल हिंद कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और आंध्रा प्रदेश में कांग्रेस उमूर के निगरानकार‌ भी हैं एक टी वी शो में हिस्सा लेते हुए कहा कि हम इस तरह के दफ़आत का जायज़ा ले रहे हैं, जैसे दिल्ली में हैं, जहां ला ऐंड आर्डर रास्त विज़ारत-ए-दाख़िला के हाथ में होता है और कमिशनर पुलिस रास्त तौर पर लेफ़्टिनेन्ट गवर्नर को जवाबदेह होते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की किसी गुंजाइश का जायज़ा ले रहे हैं। उनसे सवाल किया गया था कि आया हैदराबाद शहर तेलंगाना का हिस्सा रहेगा या फिर दस साल के लिए मर्कज़ी ज़ेर-ए-इंतिज़ाम इलाक़ा रहेगा।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की क़रारदाद में वादा किया गया है कि हैदराबाद को दस साल के बाद तेलंगाना का हिस्सा बना दिया जाएगा और आंध्रा के लिए एक नया दार-उल-हकूमत तशकील देने हर मुम्किना इक़दामात किए जाऐंगे। तशकील तेलंगाना के फ़ैसले के बाद मुल्क में मज़ीद रियासतों के लिए होने वाले मुतालिबात के पेशे नज़र क्या कांग्रेस पार्टी रियासतों की तशकील जदीद के कमीशन की ताईद करेगी? दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस ज़िमन में 2002 में एक क़रारदाद मंज़ूर की है और अभी तक इस से दसतबरदारी इख़तियार नहीं की गई है। उन्होंने इस ख़्याल से इनकार कर दिया कि तेलंगाना रियासत तशकील देने का फ़ैसला मुजव्वज़ा लोकसभा इंतिख़ाबात में कांग्रेस के इंतिख़ाबी इमकानात को बेहतर बनाने के लिए किया गया है हालाँकि इस मसले पर अभी भी वसीअ तर इत्तिफ़ाक़े राय नहीं पाया जाता। उन्होंने कहा कि इस मुआमला में आप बिलकुल ग़लत हैं। तेलंगाना की तशकील का फ़ैसला किसी भी सियासी ज़रूरत की बुनियाद पर नहीं किया गया है। हम तेलंगाना के ताल्लुक़ से माज़ी बईद(भूत) में ही नहीं बल्कि 1950 से इज़हार-ए-ख़्याल करते आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां तक तशकील तेलंगाना का सवाल है इस सिलसिले में ज़्यादा से ज़्यादा और वसीअ तर मुम्किना तबादला-ए-ख़्याल किए गए हैं और ना सिर्फ़ सियासी जमातों से बल्कि मुख़्तलिफ़ तंज़ीमों और क़ाइदीन से भी इस ताल्लुक़ से तबादला-ए-ख़्याल किया गया है।

उन्होंने कहा कि ऐसे दो मवाक़े हैं जब आंध्रा प्रदेश असेंबली की जानिब से अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तशकील की ताईद में क़रारदादें मंज़ूर की गई थीं। तशकील तेलंगाना पर मुख़ालिफ़ तेलंगाना अरकान असेंब‌ली और अरकान-ए-पार्लीयामेंट की जानिब से इस्तीफ़े दिए जाने से मुताल्लिक़ सवाल पर जनरल सेक्रेटरी कुल हिंद कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के फ़ैसलों से होने वाले असरात से पूरी तरह वाक़िफ़ है।

उन्होंने कहा कि तारीख़ी एतबार से कुछ वादे किए गए थे और हमने इन वादों को पूरा किया है। उन्होंने हाल ही में मंज़रे आम पर आए उन सर्वे रिपोर्टस को भी मुस्तरद कर दिया जिन में इस ख़्याल का इज़हार किया गया है कि मुल्क में अगर अब इंतिख़ाबात करवाए जाएं तो कांग्रेस पार्टी को लोकसभा नशिस्तों का नुक़्सान होगा और वो दूसरे नंबर पर चली जाएगी। दिग्विजय सिंह ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बी जे पी लीडर व चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी पार्टी के लिए कोई फ़िक्र की बात नहीं हैं। इंतिख़ाबात में कांग्रेस के लिए मोदी कोई एहमीयत नहीं रखते और ना वो पार्टी के लिए कोई मसला हैं।