इलाक़ा वारीयत की बुनियाद पर कुचले गए रियासत आसाम के मुस्लमान जिन का क़सूर ये है कि वो मुस्लमान हैं इसी बिना उन की अपनी जाए पनाह उन के लिये बरबरीयत की आमाजगाह बन गई है।
इन ख़्यालात का इज़हार करते हुए जनाब ग़ियास उद्दीन बाबू ख़ां चियरमैन हैदराबाद ज़कात एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने कहा कि वक़्त का अहम तक़ाज़ा है कि मिल्लत के साहिब सरवत (अमीर)अस्हाब इन मज़लूमों की बाज़ आबादकारी में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें ।
हैदराबाद ज़कात एंड चैरिटेबल ट्रस्ट उन के उजड़े हुए घरों को फिर से बसाने का मंसूबा बनाया है इस सिलसिला में अनक़रीब एक सर्वे टीम आसाम के लिये रवाना होगी । बाद सर्वे बाज़ आबादकारी का ठोस मंसूबा मुरत्तिब किया जाएगा ।।