दुनिया के 10 सस्ते शहरों में सर-ए-फ़हरिस्त है। ऑफ़िस के लिए जगह का हुसूल और किराये की अदायगी क़ाबिल मुतहम्मिल बन गई है।
तेलंगाना पर सियासी अदम इस्तिहकाम के दरमयान हैदराबाद के अहम मुक़ामात के किरायों में ज़बरदस्त गिरावट आगई और रुपये की क़दर में कमी भी उसकी वजह बताई जा रही है।
ग्लोबल रियालेटी कंसलटेंट डी टी जैड की रिपोर्ट के मुताबिक़ हिंदुस्तान के दुसरे 4 शहरों चेन्नाई, पूने, बैंगलौर और कोलकता भी 10 सस्ते शहरों में शामिल हैं जहां पर ऑफ़िस के लिए जगह कम किराये में दस्तयाब होजाती है।
डी टी जैड ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रुपये की क़दर में गिरावट और हैदराबाद के मुस्तक़बिल से मुताल्लिक़ ग़ैर यक़ीनी कैफ़ीयत के बाइस किरायों में कमी वाक़्ये हुई है।
इस कंसलटेंट एजेंसी ने दुनिया भर में ऑफ़िस के लिए दस्तयाब जगह और किराये से मुताल्लिक़ अपने सर्वे का 17 वां ऐडीशन जारी किया है। दुनिया भर में 138 मार्किटों में ऑफ़िस के लिए असल मुक़ामात पर किराये का तजज़िया किया गया।
चेन्नाई को दुनिया के सब से सस्ते मुक़ामात में तीसरा मुक़ाम हासिल हुआ है। इस के बाद पुने और बैंगलौर को अली उल-तरतीब चौथा और पांचवां मुक़ाम हासिल हुआ है।
2013 में फ़ी ऑफ़िस की जगह की लागत 3 हज़ार डालर सालाना बताई जा रही थी और हिंदुस्तान और चीन में टावर II मार्किटस के लिए 10 सस्ते मुक़ामात में शुमार किया जा रहा है।
डी टी जैड के हिंदुस्तानी रिसर्च सरबराह रोहित कुमार ने बताया कि हैदराबाद में ऑफ़िस किरायों में कमी की वजह सियासी अदम इस्तिहकाम समझा जा रहा है। यहां पर कमर्शियल किरायों में भी कमी वाक़्ये हुई है। 2013 में फ़ी माह 45 रुपये फ़ी मुरब्बा फ़ीट किराया लिया गया जबकि 2012 में यही किराया फ़ी मुरब्बा फ़ुट 58 रुपये था।