हैदराबाद में ईरान की मारूफ़ यूनीवर्सिटी की ब्रांच

इरान की मारूफ़ यूनीवर्सिटी जामेअतुल मुसतफ़ा (स०अ०व०) ने आंधरा प्रदेश एस्टेट वक़्फ़ बोर्ड को हैदराबाद में ब्रांच कैंपस क़ायम करने की पेशकश की है। इस ख़ोसूस में कौंसुलेट जनरल इरान हैदराबाद मिस्टर महमूद सफ़रीने सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड जनाब सय्यद ग़ुलाम अफ़ज़ल ब्याबानी ख़ुसरो पाशाह से मुलाक़ात करते हुए कैंपस के लिए ओक़ाफ़ी ज़मीन लीज़ पर देने की ख़ाहिश की। मिस्टर महमूद सफ़री ने बताया कि अलमुसतफ़ा इंटरनेशनल यूनीवर्सिटी आलमी सतह की यूनीवर्सिटी है जिस के दुनिया के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में शाख़ें हैं।

यूनीवर्सिटी के 105 ममालिक में तकरीबन 25,000 तलबा हैं और हियमानेटिज़ के शोबा में मुख़्तलिफ़ कोर्सेस बशमोल इस्लामीयात की पेशकश करती है। उन्हों ने बताया कि यूनीवर्सिटी की ब्रांच इंडिया हैदराबाद में भी मुस्लिम और गैर मुस्लिम तलबा के लिए अपने कल्चरल एजूकेशनल और रिसर्च सरविसेस की पेशकश करती है जिस के लिए हैदराबाद में मुनासिब मुक़ाम पर ख़ातिरख़वाह जगह की ज़रूरत है।

यूनीवर्सिटी कैंपस के लिए एक ख़तीर रक़म सर्फ़ करने पर आमादा है। सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड के इस्तिफ़सार पर कौंसिल जनरल ने बताया कि वो चाहते हैं कि कोहे इमाम-ए-ज़ामन तरिमलगरी के तहत ओक़ाफ़ी ज़मीन लीज़ पर दी जाय या फिर किसी और मुनासिब जगह फ़राहम की जाय। जनाब ख़ुसरो पाशाह ने बताया कि वो इस तजवीज़ को अमली जामा पहनाने क़ौंसल ख़ाना इरान के साथ भरपूर तआवुन करने तय्यार हैं चूँकि वक़्फ़ बोर्ड भी चाहता है,

कि ओक़ाफ़ी जायदादों का इस्तिमाल नेक मक़ासिद के लिए हो और मिल्लत इस्लामीया में तालीम को फ़रोग़ हासिल हो। उन्हों ने कहा कि मुफ़्त तआलीम की फ़राहमी एक ख़ुश आइन्दा इक़दाम है ताहम क़ानून वक़्फ़ के तहत वक़्फ़ बोर्ड सिर्फ तीन बरस की मुद्दत के लिए ही लीज़ पर दे सकता है अलबत्ता लीज़ की मुद्दत में बादअज़ां तौसीअ की जा सकती है।

उन्हों ने इस ख़सूस में पराजकट रिपोर्ट पेश करने की ख़ाहिश की जिस पर कौंसिल जनरल ने बताया कि अगर वक़्फ़ बोर्ड से रस्मी तौर पर इस तजवीज़ के ज़िमन में मुसबत रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया जाय तो वो यूनीवर्सिटी की टेक्नीकल कमेटी के अरकान को बोर्ड ओहदेदारों से गुफ़्त-ओ-शनीद के लिए रवाना करेंगे।