हैदराबाद 29 दिसंबर: शहरे हैदराबाद में साल 2015 में जराइम की शरह में 14% कमी रिकार्ड की गई। कमिशनर पुलिस आफ़ हैदराबाद एम महेंद्र रेड्डी ने सालाना प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि साल 2016 सिटी पुलिस के लिए टेक्नोलोजी का साल होगा और वो शहर को Smart & Safe City मैं तबदील करने के लिए अपनी तवज्जा की हुई है।
उन्होंने कहा कि जराइमपेशा अफ़राद के ख़िलाफ़ पी डी एक्ट का नफ़ाज़, क्रीमिनल ट्रेकिंग सिस्टम, शिद्दत से पेट्रो कार्स की गशत, वक़फ़फे वक़फे से कार्डन सर्च ऑपरेशंस, जराइम पेशा अफ़राद का सर्वे , सी सीटी वी कैमरों की तंसीब जराइम पर क़ाबू पाने में मददगार साबित हुए।
महेंद्र रेड्डी ने बताया कि हैदराबाद सिटी पुलिस ने 33% यानी 4,895 मख़लवा जायदादों के बावजूद भी पुलिस ने बेहतर कारकर्दगी का मुज़ाहरा किया है। उन्होंने बताया कि साल 2015 में आई एस आई एस (दाश) में शमूलीयत की कोशिश करने वाले 17 नौजवानों की निशानदेही की गई थी और बुनियाद परस्त ज़हनीयत के ख़ातमा के लिए उनकी वक़फे वक़फे से काउन्सलिंग की गई।
कमिशनर पुलिस ने बताया कि साबिक़ में दाश में शमूलीयत की कोशिश करने वाले नौजवानों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है और शिद्दत पसंदी की तरफ राग़िब होने वाले नौजवान और उनके सोशल नेटवर्किंग वैब साईट एकाउंट्स पर भी नज़र रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि साल 2015 में तेलंगाना पुलिस की तरफ से हैदराबाद में शि टेम्स तशकील दी गई थीं जिनके तहत 1,111 शिकायात मोसूल हुई थीं और 345 अफ़राद 142 कमउमर लड़कों को गिरफ़्तार किया गया था। 14 निर्भया एक्ट मुक़द्दमात दर्ज किए गए थे जिसके तहत 26 अफ़राद को जेल भेजा गया था, 120 अफ़राद को जुर्माना और 76 अफ़राद को बाद काउंसलिंग रिहा कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि सिटी पुलिस के स्पेशल ब्रांच यूनिट ने साल 2015 में 1,12,935 पासपोर्ट दरख़ास्तों की तन्क़ीह की गई थी और आईपीएस के ज़रीये टेक्नोलोजी का इस्तिमाल करते हुए अंदरून पाँच यौम पासपोर्ट दरख़ास्तों मुकम्मल की जा रही है जो मुल़्क गीर सतह पर बेहतर् रिकार्ड है।