हैदराबाद में पुलिस एक्शण , नहरू की मज़म्मत सरदार पटेल की सताइश

गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने आज़ाद हिंदुस्तान के पहले वज़ीर-ए-दाख़िला सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज यहां मुनाक़िदा एक तक़रीब में पुर असर ख़िराज-ए-अक़ीदत अदा किया लेकिन इसके साथ पहले वज़ीर-ए-आज़म पण्डित जवाहर लाल नहरू पर तन्क़ीद करते हुए उन्हें मसला-ए-कश्मीर की अदम यकसूई के लिए मौरिद इल्ज़ाम ठहराया।

केशव मैमोरियल हाई स्कूल में आज शाम सरदार पटेल के मुजस्समा की निक़ाब कुशाई के बाद एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंददुस्तानियों की हर नसल ये महसूस करती है कि ( पण्डित नहरू के बजाय )सरदार पटेल को मल्क का पहला वज़ीर-ए-आज़म बनाया जाना चाहीए था।

मोदी ने दावे किया कि वो सरदार पटेल ही थे जिन्हों ने आज़ादी के बाद हिंदुस्तान में हैदराबाद के इंज़िमाम को यक़ीनी बनाने के लिए निज़ाम के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई की थी।

पण्डित नहरू ने फ़ौजी कार्रवाई के लिए सरदार पटेल की तजवीज़ को मुस्तर्द कर दिया था लेकिन जब नहरू बाहर गए सरदार पटेल ने ये फ़ैसला किया और हम बच गए।

मोदी ने कहा कि नहरू ने हिंदुस्तान की 500 रियास्तों को ज़म करने की ज़िम्मेदारी सरदार पटेल को दी थी लेकिन मसला-ए-कश्मीर अपने पास रख लिया था।

गुजरात के चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि सरदार पटेल ने तो अपना काम कामयाबी के साथ पूरा करलिया लेकिन नहरू ने जो अपने आबाई मुक़ाम कश्मीर पर फ़ख़र किया करते थे ये मसला हल करने में नाकाम होगए थे और यही वजह है के ये मसला आज भी बरक़रार है। जिस को कशतवार में देखा जा सकता है जो झुलस रहा है।

कश्मीरी पंडितों को आज भी हिरासाँ किया जा रहा है ये सब देखते हुए सरदार पटेल की याद आती है। उन्होंने कहा कि हुकूमत गुजरात सरदार पटेल का एक मुजस्समा तामीर कररही है मुजस्समा इत्तिहाद की तामीर के लिए 31 अक्टूबर से काम शुरू होगा।