हैदराबाद 30 जून: साल 2007 मक्का मस्जिद में धमाका होता है और इस के फ़ौरी बाद पुलिस के आला ओहदेदार मीडिया से मुख़ातिब हो कर इस धमाके को मुसलमानों की साज़िश क़रार देते हैं और शाहिद बिलाल को इस का किरदार अदा करने वाला ख़ाती क़रार देते हैं। मक्का मस्जिद धमाकों के 10 साल बाद पुलिस के एक ख़ुसूसी शोबा ने जिसे क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी के नाम से जाना जाता है, शहरे हैदराबाद के 10 मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर धावा किया और इस कार्रवाई में 11 मुस्लिम नौजवानों को इस इल्ज़ाम के तहत गिरफ़्तार कर लिया है कि ये लोग ईद के मौके पर धमाका करने वाले थे।
क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी (एनआईए) ओहदेदारों ने ये भी दावा किया है कि ये लोग ईद के दिन मुल्क के कई मज़हबी मुक़ामात , अवामी मुक़ामात और सरकारी इमारतों को निशाना बनाने की तैयारी में जुटे हुए थे। तफ़सीलात के मुताबिक एनआईए ओहदेदार हैदराबाद सिटी पुलिस के कमिशनर टास्क फ़ोर्स अमला की मदद से पुराने शहर में सुबह की अव्वलीन साअतों में बैयकवक़त धावे करते हुए मुस्लिम नौजवानों को हिरासत में ले लिया और उनके क़बज़े से असलाह, बारूद और लाखों रुपये की नक़द रक़म ज़बत करने का दावा किया।
सेहर के फ़ौरी बाद किए गए इन धाओं के सबब पुराने शहर में सनसनी फैल गई और पुलिस की ख़ुसूसी टीमों ने नौजवानों के मकानात का मुहासिरा कर लिया था।
बाज़ नौजवानों को फ़ज्र की नमाज़ के बाद मकान लौटने के दौरान ही गिरफ़्तार कर लिया गया। दोनों शहरों में फ़िर्कावाराना कशीदगी पैदा करने और बड़े पैमाने पर बम धमाके अंजाम देने के इल्ज़ाम में हिरासत में लिए गए नौजवानों को फ़ौरी नामालूम मुक़ामात पर मुंतक़िल कर दिया गया। एनआईए ओहदेदारों ने ये दावा किया है कि हिरासत में लिए गए नौजवान इस्लामिक स्टेट (दाश) के आला कारों से मुसलसिल सोश्यल नेटवर्किंग वेब साईट्स के ज़रीये रब्त में थे और दहश्तगर्द कार्रवाई अंजाम देने के लिए असलाह और धमाको अश्याय हासिल किया था। एनआईए ज़राए ने बताया कि मुजरिमाना साज़िश और आई ई डी (बम) तैयार करने की कोशिश में हिरासत में लिए गए 11 नौजवान ने दाश की ईमा पर असलाह चीनी साख़ता ऑटोमेटिक पिस्तौल , यूरिया , अमोनियम नाईट्रेट और दुसरे केमिकल्स हासिल करते हुए शहर के बड़े शॉपिंग मॉल्स की निशानदेही करली थी ताकि उन्हें बैयकवक़त निशाना बनाया जा सके।