हैदराबाद में ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसरों का मुनज़्ज़म नेटवर्क!

ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसर्स सिर्फ़ हैदराबाद के पुराने शहर तक ही महदूद नहीं है बल्कि सूद का ये काला कारोबार नए शहर के इलावा शहर के मुज़ाफ़ात तक वुसअत इख़्तियार कर गया है। नए शहर में मुसलमानों को सूद पर क़र्ज़ देने के लिए ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसर्स मुस्लिम ब्रोकरों का इस्तेमाल करने से भी बाज़ नहीं आ वरहे हैं।

शहर हैदराबाद के मसरूफ़ तरीन इलाक़ा अमीरपेट से कई ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसर शहर के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में मुसलमानों को क़र्ज़ देने के लिए मुस्लिम ब्रोकरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस के इलावा बलकमपेट,बाला नगर, मूसापेट ,सनअत नगर, ईरागड्डा, बोराबंडा ,यूसुफ़ गुड़ा ,में भी ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसरों का मुनज़्ज़म नेटवर्क सरगर्म है।

ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसर्स क़र्ज़ फ़राहम करके 10 ता 15 फ़ीसद तक सूद हासिल कर रहे हैं। सनअत नगर के एक दोस्त नूर मुहम्मद कॉलोनी में रहने वाले एक मुस्लिम ब्रोकरों से नुमाइंदा सियासत ने क़र्ज़ हासिल करने के लिए तफ़सीलात हासिल की।

ब्रोकर मुहम्मद इबरार (नाम तबदील) ने बताया कि वो अपने एक दोस्त रवी (नाम तबदील) से सालाना 15 फ़ीसद सूद की शरह पर 1लाख रुपये का क़र्ज़ दिलाएंगे। और हमें 1लाख रुपये 15 महीनों में अदा करने होंगे।

नुमाइंदे ने जब रवी से ख़ुद मिलने की ख़ाहिश ज़ाहिर तो मुस्लिम ब्रोकर ने कहा कि रवी बहुत मसरूफ़ रहता है इस लिए हमारी मुलाक़ात नहीं हो सकती। सनअत नगर की इसी कॉलोनी में एक और एक मुस्लिम ब्रोकर तनवीर (नाम तबदील) भी ऐसी कारोबार में मुलव्विस है। पहले एक मिठाई की दुकान चलाने वाला तनवीर अब सनअत नगर में ही 5 मकानात का मालिक है।

तनवीर से कोशिश के बावजूद भी नुमाइंदे सियासत की मुलाक़ात नहीं हो सकी। ताहम तनवीर से क़र्ज़ हासिल करने वाले एक ऑटो ड्राईवर मुहम्मद सुबहान (नाम तबदील) ने हमें तफ़सीलात से आगाह किया। मुहम्मद सुबहान ने बताया कि तनवीर ख़ुद एक मालदार ताजिर है। ताहम सूद का काला कारोबार करने के लिए वो अपने ग़ैर मुस्लिम दोस्तों के नामों का इस्तेमाल करता है। पड़ोसीयों के मुताबिक़ तनवीर दो साल क़ब्ल हज की सआदत भी हासिल कर चुका है।

ताहम हज से वापसी के बाद भी वो अपने दोस्तों के नाम बताकर मुसलमानों को सूद पर क़र्ज़ फ़राहम कर रहा है। तनवीर भी मुसलमानों को क़र्ज़ फ़राहम करके 10 से 15 फ़ीसद सूद हासिल करता है। सनअत नगर बस स्टॉप के क़रीब तीन मंज़िला मकान का मालिक अब्दुल करीम (नाम तबदील) भी एक हिंदू फ़ाइनेंसर के लिए मुस्लिम क़र्ज़दारों को तलाश करता है।

अब्दुल करीम सनअत नगर में वाक़े एक BAR के मालिक प्रकाश रेड्डी (नाम तबदील) और एक मेडिकल के मालिक पवन (नाम तबदील) के लिए काम करता है। अब्दुल करीम से नुमाइंदे सियासत ने मुलाक़ात की। नए शहर में मुस्लिम फ़लाही तंज़ीमों का भी फ़ुक़दान है इस लिए ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसरों का नेटवर्क मजबूत होता जा रहा है।

काश अगर मिल्लत का दर्द रखने वाले अह्ले ख़ैर मुस्लमान, ग़रीब और माली परेशानीयों का सामना करने वाले मुसलमानों को बिला सूदी क़र्ज़ फ़राहम करते तो शायद हमारे शहर में ग़ैर रजिस्टर्ड फ़ाइनेंसरों का वजूद बाक़ी नहीं रहता।

अब भी वक़्त है मुस्लिम समाजी और फ़लाही तंज़ीमें ग़रीब मुसलमानों को बिला सूदी क़र्ज़ फ़राहम करने के लिए स्कीमात मुतआरिफ़ कर सकती हैं।