हैदराबाद 15 जून: यूनीवर्सिटी आफ़ हैदराबाद के दो मुअत्तल शूदा फैकल्टी अरकान ने यूनीवर्सिटी की तरफ से अपनी मुअत्तली के ख़िलाफ़ ग़ैर मुअय्यना मुद्दत की भूक हरताल शुरू कर दी। जिन्हें रवां साल मार्च के दौरान 48 घंटों से ज़ाइद पुलिस हिरासत में रहने की बुनियाद पर मुअत्तल किया गया था।
उन्होंने यूनीवर्सिटी अहाते के बाहर भूक हड़ताल शुरू की है। इस दौरान एससी / एसटी टीचर्स फ़ोरम ने इल्ज़ाम आइद किया कि इंतेक़ामी जज़बा के तहत इन दोनों असातिज़ा को मुअत्तल किया गया है और उन्होंने इस फ़ैसले की मंसूख़ी का मुतालिबा किया है। अंबेडकर एसटडीज़ सेंटर के सरबराह और शोबा पोलिटिकल साइंस के फैकल्टी रुकन के वी आर रत्नम और शोबा रियाज़ी के फैकल्टी रुकन रेनू गुप्ता को पिछ्ले रोज़ मुअत्तली की नोटिस दी गई थी जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 48 घंटों तक पुलिस हिरासत में रहने के बावजूद यूनीवर्सिटी हुक्काम को मतला नहीं किया था। पुलिस ने उन्हें 22 मार्च को हिरासत में लिया था। दर्ज फ़हरिस्त तबक़ात-ओ-क़बाइल से ताल्लुक़ रखने वाले टीचर्स के फ़ोरम ने अपने बयान में कहा कि रत्नम और रेनू गुप्ता ने ज़ात पात के तास्सुब पर मबनी ग़ैर मुंसिफ़ाना मुअत्तली के ख़िलाफ़ ग़ैर मुअय्यना मुद्दत की ज़ंजीरी भूक हड़ताल शुरू की है।