हॉकी वर्ल्ड कप: भारत ने कनाडा को 5-1 से हरा सीधे क्वार्टर फाइनल में

भारत ने शानदार खेल की बदौलत शनिवार को कलिंगा स्टेडियम में कनाडा को 5-1 से हराकर पूल सी में शीर्ष स्थान हासिल किया. इसके साथ ही भारतीय टीम ने सीधे पुरुष हॉकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश हासिल किया.

भारत ने चौथे क्वार्टर में चार गोल किए. इसमें चिंग्लेनसाना सिंह ने 46वें मिनट, ललित उपाध्याय ने 47वें व 57वें मिनट में और अमित रोहिदास ने 51वें मिनट में गोल किए. इससे पहले हरमनप्रीत सिंह ने 12वें मिनट में गोल कर घरेलू टीम को बढ़त दिला दी थी. कनाडा के लिए एकमात्र गोल फ्लोरिस वान सोन ने 39वें मिनट में दागा.

इस जीत से भारत पूल सी में सात अंक लेकर बेहतर गोल अंतर की बदौलत दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम से आगे शीर्ष पर रहा. बेल्जियम के भी सात अंक हैं. वह पूल सी में शनिवार को हुए एक अन्य मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-1 से हराकर दूसरे स्थान पर रहा. कनाडा तीसरे स्थान पर रहा जबकि दक्षिण अफ्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गया. भारत ने शीर्ष पर रहकर सीधे क्वार्टर फाइनल के लिए प्रवेश कर लिया है. अंतिम आठ में एक स्थान हासिल करने के लिए बेल्जियम और कनाडा की टीमें क्रास ओवर मैच खेलेंगी. कनाडा और दक्षिण अफ्रीका दोनों के एक एक अंक थे लेकिन बेहतर गोल अंतर की बदौलत कनाडा तीसरे स्थान पर रही.

भारत अब अपना क्वार्टर फाइनल मैच 13 दिसंबर को खेलेगा. ओलंपिक रजत पदक विजेता बेल्जियम ने अपने अंतिम मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-1 से शिकस्त दी. एलेक्जैंडर हेंड्रिक्स ने 14वें और 22वें मिनट में दो गोल किये जबकि साइमन गौगनार्ड (18वें), लोइक लुइपायर्ट (30वें) और सेड्रिक चार्लियर (48वें) ने एक-एक गोल दागे. दक्षिण अफ्रीका ने हालांकि दुनिया की तीसरे नंबर की टीम को महज 36 सेकेंड के अंदर निकोलस स्पूनर के फील्ड गोल से हैरान कर दिया.

भारत और कनाडा के बीच मुकाबला आक्रमण और डिफेंस का था और ऐसा हुआ भी. मेजबानों ने शुरू से ही हमले जारी रखे और गोल करने के कुछ मौके भी बनाये. भारत को गोल करने का मौका नौवें मिनट में मिला जब कप्तान मनप्रीत सिंह का बायीं ओर से आया क्रॉस गोलपोस्ट के पास खड़े दिलप्रीत सिंह के पास पहुंचा. लेकिन कनाडाई गोलकीपर एंटोनी किंडलर बिलकुल सही जगह खड़े थे और उन्होंने इसे आराम से रोक लिया.

अगले ही मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन कनाडा का डिफेंस भेदने में उसे कामयाबी नहीं मिली. कनाडाई गोलकीपर ने मंदीप सिंह के शॉट को नाकाम किया. कनाडा के डिफेंस ने भारत के आगे तब घुटने टेके जब हरमनप्रीत ने टीम के 12वें मिनट में हासिल किए गए दूसरे पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया. अगले ही मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन अमित इस मौके का फायदा नहीं उठा सके. मेजबान टीम पहले क्वार्टर की लय को बरकरार नहीं रखी जिससे उन्होंने गोल करने के मौके गंवा दिए और कनाडा ने वापसी की कोशिश तेज कर दी. कनाडा के गोलकीपर किंडलर ने दूसरे क्वार्टर में दो बार अपनी टीम को बचाया और यही स्कोर बरकरार रखा. पहले उन्होंने 22वें मिनट में बॉक्स के ऊपर से सुमित का रिवर्स शॉट बचाया और फिर आकाशदीप सिंह के प्रयास को रोका.

हाफ टाइम के बाद हालांकि चीजें बदलने लगी. कनाडा शानदार जवाबी हमलों से मैच में वापसी करके शिकंजा कसने लगा. कनाडा को बेहतरीन रक्षात्मक इकाई वाली टीम माना जाता है और वे इसी तरह खेले भी. जब भी भारत ने हमले किए, खिलाड़ी सर्किल में इकट्ठे हो जाते और गोल करने का मौका नहीं देते. कनाडा ने 39वें मिनट में जवाबी हमले में बराबरी हासिल की. गोर्डन जानस्टन ने सर्किल के बाहर जेम्स वालेस को गेंद बढ़ाई जो दो भारतीय डिफेंडरों को पछाड़ते हुए फ्लोरिस वान सोन के पास पहुंचे जिन्होंने इसे गोल में बदलने में गलती नहीं की.

बराबरी से भारतीय टीम हैरान रह गई. इसके बाद हालांकि, उसके हमले तेज हो गए. भारतीय खिलाड़ियों ने तेजी से दो गोल करके टीम को 3-1 से आगे कर दिया. पहले चिंग्लेनसाना ने रिबाउंड पर गोल किया और फिर अगले ही मिनट में ललित ने बॉक्स के बाहर सुखी पनेसर से बॉल लेकर शानदार गोल किया. चार मिनट में अमित ने भारत के चौथे पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला. इसके बाद ललित ने सुमित के पास पर मैच में अपना दूसरा गोल किया.