अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने राजद सदर लालू प्रसाद की बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती के इस दावे को गलत ठहराया है कि उन्होंने वहां सात-आठ मार्च को मुनक्कीद इंडिया कॉन्फ्रेंस को खिताब किया था। मीसा भारती ने आठ मार्च को अखबारों को कुछ फोटो भेज कर यह जानकारी दी थी कि अमेरिका के इस नामी यूनिवर्सिटी में उन्होंने एक लेक्चर दिया है। लेकिन, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने यह खुलासा किया है कि मीसा भारती को इस कॉन्फ्रेंस में खिताब करने के लिए इन्वायट नहीं किया गया था और इस सिलसिले में उनके तरफ से जारी किये गये फोटो गलत हैं।
न्यूज चैनलों के मुताबिक, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर कहा है कि मीसा भारती को इंडिया कॉन्फ्रेंस में किसी भी पैनल के स्पीकर के तौर में मदउ किया गया था, बल्कि उन्हें एक नाजरीन के तौर पर बुलाया गया था। उन्होंने एक नाजरीन के तौर में टिकट खरीदी थी।
मीसा भारती ने कॉन्फ्रेंस में लेक्चर देते हुए अपने कुछ फोटो अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपलोड किये थे। इसको नोटिस में लेते हुए कॉन्फ्रेंस के एंकाद करने वालों ने यह बयान जारी किया है। इल्ज़ाम है कि कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद मीसा भारती ने मंच पर गयीं और कुछ फोटो खिंचवा कर उन्हें प्रेस रिलीज़ के साथ अखबारों को जारी कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने हार्वर्ड में एक लेक्चर दिया है। इसके पहले तीन मार्च को उनकी तरफ से प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा गया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंटेरनेशनल तालिबे इल्म तंजीम ने अपने सालाना तकरीब में लेक्चर देने के लिए मदउ किया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा है कि मीसा मारती ने इस कॉन्फ्रेंस में कोई लेक्चर नहीं दिया था, इसलिए मुक़ामी अमेरिकी अखबारों ने इसकी खबर नहीं छापी थी और हमारे पास इसका कोई ऑफिशियल फोटो या वीडियो नहीं है।
हार्वर्ड विवि के बयान सामने आने के बाद मीसा ने मंगल को अपने फेसबुक एकाउंट पर ताजा पोस्ट कर सफाई दी। कहा, मैंने यह कभी दावा नहीं किया कि मुङो स्पीकर के तौर बुलाया गया था और स्पीकर की लिस्ट में मेरा नाम था। मैंने पोडियम के सामने खड़ी होकर फोटो खिंचवा कर दोस्तों को भेजा था। हालांकि, बाद में इस पोस्ट को हटा लिया गया।