मुंसिपल कॉर्पोरेशन महकमा की तरफ से मुंसिपल कॉर्पोरेशन इलाक़े के लिए झारखंड जायदाद टैक्स लागू कर दिया गया है। महकमा नोटिफिकेशन के बाद यह दस्तूरल अमल एक अप्रैल 2014 से ही असर में है, लेकिन इसके मुताबिक न तो होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है और न ही साबिक़ मुकर्रर शरह से ही माली साल 2014-15 का होल्डिंग वसूला जा रहा है।
नतीजा होल्डिंग टैक्स की अदायगी करने वालों का भी टैक्स जमा नहीं लिया जा रहा है। मौजूदा में सिर्फ माली साल 2013-14 तक व इससे पहले का बकाया होल्डिंग टैक्स ही जमा लिया जा रहा है।
महकमा ज़ाती अदाद पर गौर करें तो मुकर्रर 35 वार्डो में तकरीबन 15 हजार होल्डिंग हैं। मुंसिपल कॉर्पोरेशन का कुल करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया है। इसमें घरेलू व कॉमर्सीयल इमारतों पर ही 75 लाख रुपये से ज्यादा बकाया है। एक तरफ मुंसिपल कॉर्पोरेशन आमदनी की कमी का रोना रोता है। वहीं जब टैक्स देने के लिए होल्डिंग धारक तैयार हैं तो अब महकमा हुक्म का इंतजार का हवाला दिया जा रहा है।
डोर-टू-डोर नहीं वसूला जाता है टैक्स : होल्डिंग टैक्स डोर-टू-डोर वसूली की तजवीज है। बावजूद देवघर मुंसिपल कॉर्पोरेशन के लोगों को यह सहूलत कभी-कभी ही मिल पाती है। ज़्यादातर को आज भी मुंसिपल कॉर्पोरेशन में जा कर ही टैक्स जमा करना पड़ता है। वो भी दिन के दो बजे के बाद। सारफीन को बताया जाता है कि दिन के दो बजे के पहले तक टैक्स कलेक्टर टैक्स की वसूली के लिए फिल्ड में जाते हैं। लेकिन, यह फिल्ड कहां है। यह आमलोगों के समझ से परे है। जबकि मुंसिपल कॉर्पोरेशन में मौजूदा में काम कर रहे टैक्स कलेक्टर की तादाद नौ है।