कहते हैं हौसला हो बुलंदियों तक पहुंचने के रास्ते आसानी से मिल जाता है। बिल्कुल वही हुआ इस हौसलेमंद के साथ।
वालिद ने जूते की दुकान में काम कर के पढ़ाया। बेटे शफी का दिल्ली IIT में आया नाम।
बिहार। होसला है तो जीत है। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हंजला शफी के वालिद जूतों की दुकान में काम करते थे। पढ़ने में होशियार हंजला की तालीम में सबसे बड़ी मुश्किल थी घरवालों की माली हालत। फ़ीस न होने की वजह से हंजला को स्कूल से निकाला गया था।
इंजीनियर बनने का ख्वाब लिए हंजला अपनी मां के साथ सुपर 30 के बारे में सुनकर पटना आया। कड़ी मेहनत और लगन से हंजला ने IIT दिल्ली में दाखिला लिया।