वाशिंगटन । 30 सितंबर । ( पी टी आई ) फ़ौजी सरबराह इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी पाकिस्तान में सब से ताक़तवर शख़्स हैं और वो मिल्ट्री की जानिब से चलाई जाने वाली आई ऐस आई पर कंट्रोल करते हैं जो हक़्क़ानी नेट वर्क और लश्कर-ए-तुयेबा जैसे दहश्तगर्द ग्रुपों की मदद करते हुए उन्हें अपनी मुतबादिल ताक़त के तौर पर इस्तिमाल करती है, आला अमरीकी कमांडर माईक मोलन ने ये बात कही। अपने बेबाकाना ब्यान पर क़ायम रहते हुए कि हक़्क़ानी नेट वर्क आई ऐस आई का हक़ीक़ी बाज़ू है , एडमीरल मोलन ने इद्दिआ किया कि पाकिस्तान आर्मी हक़्क़ानी नट वर्क और लश्कर-ए-तुयेबा जैसी दहश्तगर्द तंज़ीमों को अपने सकीवरीटी मुफ़ादात की तकमील केलिए इस्तिमाल करती है । चेयरमैन जवाइंट चीफ़ आफ़ स्टाफ़स अपने जुरात मंदाना मौक़िफ़ पर क़ायम हैं , जब कि वाईट हाॶस और स्टेट डिपार्टमैंट्स ने उन के इस रेमार्क से ख़ुद को अलहदा कर लेने की कोशिश की है कि हक़्क़ानी ग्रुप आई ऐस आई का हक़ीक़ी बाज़ू है । जनरल क्यानी को पाकिस्तान में सब से ताक़तवर शख़्स के तौर पर मोलन ने पेश किया है जो तवील अर्सा से पाकिस्तानी जर्नलों के क़रीब तरीन दोस्त समझे जाते रही। मोलन मक़बूल आम नैशनल पब्लिक रेडीयो को इंटरव्यू दे रहे थे । इस माह के ख़तन पर अपने फ़ौजी ओहदा से सबकदोश होने वाले मोलन ने कहा कि जनरल क्यानी पाकिस्तान की दोनों जानिब महफ़ूज़-ओ-सलामत सरहद के ख़ाहां हैं । वो इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि आया पाकिस्तानी फ़ौजी सरबराह हिंदूस्तान के साथ अमन चाहते हैं ? मोलन ने कहा मैंने उन के साथ कई मुलाक़ातों में पाया कि वो अपनी सरहदों की दोनों जानिब मुस्तहकम और पुरअमन माहौल के ख़ाहिशमंद हैं । गुज़श्ता ढाई साल में मोलन और क्यानी की तक़रीबन 30 बार मुलाक़ातें हुईं। मोलन ने कहा कि पाकिस्तान में मिल्ट्री निहायत अहम आर्गेनाईज़ेशन है लेकिन हमें सिर्फ उसी आर्गेनाईज़ेशन के साथ मशग़ूल नहीं होना चाहीए । उन्हों ने कहा कि सीवीलीन क़ाइदीन के साथ राबते , मआशी लीडरों के साथ मुज़ाकरात और इस ख़ित्ते में अमरीकी मशग़ूलियत होनी चाहीए । मोलन ने फिर एक बार इआदा किया कि वो अपने ब्यानात से एक लफ़्ज़ भी तबदील नहीं करेंगे ।