हज़ब एख्तेलाफ़ के रहनुमाओं ने कहा फ्लॉप रही रांची में मोदी की रैली

रियासती कांग्रेस सदर सुखदेव भगत ने कहा कि अब तक मुल्क में जितनी भी मोदी की रैलियां हुई हैं, उसमें रांची की रैली सबसे फ्लॉप साबित हुई है। रियासत की आवाम ने वाज़ेह पैगाम दे दिया है कि रियासत में फिरका वराना ताकतों की एक नहीं चलेगी। मोदी के तक़रीर से मायूसी हुई है, यह बहुत अफसोस की बात है कि वजीरे आजम ओहदे के उम्मीदवार को झारखंड के तारीख की जानकारी ही नहीं है। अगर यहां पर तरक़्क़ी नहीं हुआ, रोजगार के मौके नहीं बने तो इसके लिए भाजपा ही जिम्मेवार है। 13 सालों में 10 सालों तक भाजपा ही इक्तिदार में रही। भगत ने कहा कि साबिक़ वजीरे आजम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने राजधर्म नहीं निभाया, इस दाग को धोने के लिए वे क्या कर रहे हैं। भगत ने कहा कि झारखंड तामीर में कांग्रेस की अहम किरदार रही है, बिहार एसेम्बली से बिल को पास कराया। कांग्रेस के तमाम 11 वज़ीरों ने इस्तफा देकर रियासत की तामीर का रास्ता साफ कर दिया। मोदी खुली आंखों से ख्वाब देख रहे हैं।

50 हजार में सिमटी रैली : अजय राय

रियासती कांग्रेस के मीडिया रुक्न अजय राय ने कहा कि रैली में 5 लाख लोगों के हिस्सा लेने का दावा कर रहे भाजपाईयों को आवाम ने करारा जवाब दिया है। यह रैली 50 हजार में सिमट कर रह गई। उन्हें कांग्रेस की बुराई तो नजर आई, मगर सबसे ज़्यादा दिनों तक राज किए मुंडा की मुद्दत नजर नहीं आया।

रैली में दौलत का बेकार इस्तेमाल : जफर

मुल्क जदयू के मीडिया इंचार्ज जफर कमाल ने कहा कि रैली में दौलत के बेकार इस्तेमाल के बावजूद भी आवाम नहीं जुटी। वे अपनी बात आम प्लेटफोरम पर भी रख सकते थे। खुद मोदी कह रहे हैं कि कांग्रेस महंगाई लाई तो फिर इतनी महंगी रैली करने का क्या मतलब था।

भाजपा के दावे खोखले साबित : सुनील

झाविमो के मर्कज़ी सेक्रेटरी सुनील कुमार साहू ने कहा कि गाडिय़ों और ट्रेनों को रिजर्व कर आवाम को ढो कर लाया गया। फिर भी भीड़ हजारों में सिमट कर रह गई। आवाम ने भाजपा और मोदी को नकार दिया है। भाजपा का अंदरूनी झगड़े भी प्लेटफोरम पर नजर आया। प्लेटफोरम पर बैठने के लिए लीडर मारामारी करते दिखे।

झारखंड में नहीं चला मोदी का जादू : सुबोधकांत

एमपी सुबोधकांत सहाय ने कहा कि रियासत में भाजपा के एक-एक कारकुनान की तरफ से पूरी ताकत झोंकने के बावजूद मोदी की रैली आम लोगों की नहीं, बल्कि भाजपा कर्कुनान की रैली साबित हुई। लोगों को दावत बांटने के बावजूद लोगों की कम मौजूदगी यह अकासी करती है कि मोदी का जादू झारखंड में चलने वाला नहीं है। जिस छत्तीसगढ़ के तरक़्क़ी का वह खूबियाँ कर रहे हैं, उसकी बुनियाद कांग्रेस के इकतेदार में पड़ी। रही बात झारखंड की तो इस रियासत की हालत भाजपा ने ही की।

रैली में पैसे का जोर दिखा : देवशरण

आजसू पार्टी के मर्कज़ी तर्जुमान देवशरण भगत ने कहा कि इस रैली में आवाम का जोश कम, मीडिया मैनेजमेंट और पैसे का जोर ज़्यादा दिखा। कहा कि पहले भी आवाम ने भाजपा को 14 सीट दिया, मगर उसका रिटर्न नहीं मिला।