हज़रत मुहम्मद ( स०अ०व०) की हयात मुबारका सारी इंसानियत के लिए मशले राह

शादनगर, १० फरवरी ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) अल्लाह तबारक‍ ओ‍ ताला ने पहले नूर मुस्तफ़ा स०अ०व० को पैदा फ़रमाया । रसूल अकरम स०अ०व० की हयात मुबारका सारी इंसानियत के लिए मशाले राह है ।

इशक़ रसूल (स०अ०व०) से ईमान की हरारत में इज़ाफ़ा होता है । इन ख़्यालात का इज़हार शादनगर फरखन नगर में वाक़्य ईदगाह गराउंड में नौ जो अन्नान शादनगर फरखन नगर के ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िदा जलसा जश्न मीलाद‍ उन‍ नबी (स०अ०व०) से मुख़ातिब करते हुए मौलाना सैयद शाह अज़ीज़ उल्लाह कादरी नायब शेख़ अलाक़ाइद जामिआ निज़ामीया ने किया ।

उन्हों ने क़ुरआन और हदीस के हवालों का ज़िक्र करते हुए सीरत उन नबी (स०अ०व०) पर तफ़सीली रोशनी डाली । रसूल अकरम (स्०अ०व्०) ई को सारी इंसानियत के लिए अल्लाह ताला ने रहमत बनाकर भेजा । अल्लाह ताला फ़रमाता है जो शख़्स मेरे हबीब (स०अ०व०) से मुहब्बत करेगा मैं इससे मुहब्बत करूंगा ।

रसूल अकरम (स०अ०व०) से हर एक ईमान वाले मुस्लमान को मुहब्बत करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और रसूल अकरम (स०अ०व०) की तालीमात पर अमल पैरा होने की तलक़ीन की । सदर जलसा मौलाना सैयद यूसुफ़ अली कादरी सदर मदरसा दार-उल-उलूम अरबिया कावारम पेट ने मुख़ातिब करते हुए आलम इस्लाम के मुस्लमान अपनी ज़िंदगीयों को सीरत उन नबी (स०अ०व०) के मुताबिक़ गुज़ारने की तलक़ीन की और अपनी ज़िंदगी को क़ुरआन-ओ-हदीस की रोशनी में ढालने और अपनी ज़िंदगीयों में अमली तबदीली लाने पर ज़ोर दिया ।

रसूल ए अकरम (स०अ०व०) की तालीमात पर अमल पैरा होने पर ज़ोर दिया । नमाज़ों की पाबंदी करने सुन्नते नबवी पर अमल करने की तलक़ीन की । मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद शकील अहमद नक़्शबंदी नाज़िम मुदर्रिसा मुहम्मदिया बालानगर ने कहा कि इशक़ रसूल ई को अपने दिलों में उतारते हुए सच्ची मुहब्बत का सबूत दीं ।

इशक़ रसूल (स०अ०व०) से ईमान में ताज़गी पैदा होती है । अल्लाह और इसके रसूल (स०अ०व०) की तालीमात पर अमल पैरा होने क़ुरआन और हदीस के दायरा में अपनी ज़िंदगीयों को ढालने पर ज़ोर दिया । अल्लाह के रसूल (स०अ०व०) सारी इंसानियत केलिए अमन का पैग़ाम लेकर आए ।

हाफ़िज़ मुहम्मद अफ़ज़ल हुसैन इमाम-ओ-ख़तीब मस्जिद ए कौसर फ़रखन नगर , हाफ़िज़ मुहम्मद शकील अहमद कामिल
जामिआ निज़ामीया ने भी ख़िताब किया । जलसा का आग़ाज़ हाफ़िज़ मुहम्मद अबदुर्रशीद इमाम-ओ-ख़तीब मस्जिद हुसैनी शादनगर की क़िरात कलाम ए पाक से हुआ

मुहम्मद याक़ूब अली हाफ़िज़ मुहम्मद एहतेराम अली , सैयद इमतियाज़ अली ने बारगाहे रिसालत में हदिया नात पेश की।