क़तर की सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई दो भारतीय को सज़ा-ए-मौत

दो भारतीय प्रवासी जो की 2012 में दोहा की एक महिला की हत्या के आरोप में दोषी पाये गए थे उनको निम्न न्यायालय द्वारा फांसी की सज़ा सुनाई गयी थी। उस सज़ा को क़तर की उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृति दे दी गयी है।

इसी हत्या के केस में तीसरे अपराधी को उच्च न्यायालय द्वारा 15 साल की जेल की सज़ा सुनाई गयी है। क़रीब चार साल पहले तीन अपराधियों चेल्लदुरैपेरुमल, अलगप्पा अरासन और शिवकुमार अरासन ने सलताजदीद इलाके में एक क़तरी महिला के घर में चोरी करने के कोशिश करते हुए महिला का खून कर दिया था।

शिवकुमार अरासन तीसरा अपराधी, जिसकी सज़ा को अपील कोर्ट द्वारा स्थगित करने के बाद उसको जीवन कारावास की सज़ा दे दी गयी थी। उचच न्यायालय द्वारा जीवन करावस की सज़ा को कम कर के 15 साल कर दी गयी। निज़ार कोचेरी जो की उच्च न्यायालय में अपराधियों की प्रस्तुति कर रहे थे उन्होंने कहा की भारतीय एम्बेसी को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है। अपराधी भारत के राज्य तमिल नाडु के रहने वाले हैं।